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कदौरा ब्लाक क्षेत्र मजदूर पलायन को मजबूर जेसीबी से हो रहे मनरेगा कार्य धृतराष्ट्र बने ब्लाक जिम्मेदार

मशीनों से नरेगा कार्य करवाकर सरकारी धन का हो रहा बंदरबांट ग्रामीणों ने की शिकायत

वर्ष 2021 के नए कार्यो में सुनियोजित ढंग से अब तक लाखो की हेरा फेरी

भारत सरकार की मजदूरों की योजना में लगा विभागीय दीमक बेखबर सरकार व उच्चाधिकारी
कदौरा/जालौन ।सरकार द्वारा नरेगा योजना के तहत गांव आँचल में गरीब परिवारों को रोजगार देकर उनके पेट पालने का कार्य बड़े पैमाने पर करती है परंतु उक्त योजना में भी ब्लाक अधिकारी कर्मचारी की मिली भगत से मजदूरों के पेट मे लात मारकर उक्त कार्य मशीनों से चोरी छिपे करवाकर सरकारी धन की बंदरबांट कर अपनी जेब भरी जा रही उक्त सम्बन्ध में ग्रामीणों द्वारा शिकायत कर जांच कार्यवाही की मांग की है।
गौरतलब हो कि विकास खण्ड कदौरा में वर्तमान में नरेगा योजना में बड़ी धांधली को अंजाम दिया जा रहा है जिसमे काम न मिलने पर मजदूर परदेश पलायन को मजबूर है।ग्राम पंचायत सुरौला निवासी ग्रामीण नर सिंह गंगा प्रसाद लल्लू शेख आदि लोगो द्वारा खण्ड विकास अधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि उनकी ग्राम पंचायत में नरेगा के तहत हुए आधा दर्जन कच्चे कार्य जेसीवी व ट्रैक्टर से कराए गए है जिसमे बंधी निर्माण समतलीकरण लीलावती के खेत,व्रन्दावन का खेत लाखन के खेत आदि कार्यो को मजदूर की वजाय मशीनीकरण से करवाकर सरकारी धन की बंदरबांट की गयी है।वही ब्लाक की अधिकांश ग्राम पंचायतों में ब्लाक अधिकारी कर्मचारियों की मिली भगत से मजदूरों के फर्जी हस्ताक्षर कर मास्टर रोल तैयार कर लिया जाता है एव उक्त फर्जी मजदूरों(न काम करने वाले) के खाते में सरकारी धन डलवाकर उक्त धनराशि का बंदरबांट किया जाता है।अलग अलग गांवो में मजदूरों का कहना है कि नरेगा कार्य मे मजदूरों के पेट मे लात मारकर सिर्फ अपनी जेब भरी जा रही है।जिसकी कभी निष्पक्ष जांच नही होती है।
उक्त नरेगा योजना से सरकारी कोष में सेंध लगाकर फर्जीवाड़ा के तहत ब्लाक अधिकारी कर्मचारी व प्रधान अपनी जेब भरने में लगे है जिससे सरकार व उच्चाधिकारी बेखबर है।
गौर करने वाली बात ये है कि ब्लाक की अधिकांश ग्राम पंचायतों में वर्ष 2021 का लाखो रुपये की निकासी नरेगा के तहत हो चुकी है जबकि गांव के हालात जस के तस है बार बार वही बंधी वही समतलीकरण रातों रात मशीनों से कराकर चोरी छिपे उस कार्य का धन निकाल बंदरबांट कर लिया जाता है।
और ब्लाक में यदि कोई शिकायत भी करे तो बीडीओ से लेकर सचिव तक उक्त शिकायत कर्ता को झूठ साबित करने का प्रयास आरम्भ कर देते है क्यो कि सबमे बंदरबांट हुआ तो उक्त फर्जीवाड़ा में जांच का प्रश्न ही नही उठता है।
जबकि गांवो में अधिकांश जॉब कार्ड धारक मजदूर नरेगा में काम न कर कही परदेश य अन्य जगह मजदूरी करते है और उनके खाते में नरेगा का पैसा भी फर्जी रूप से डाल कर उसे कुछ परसेंट देकर बाकी धनराशि को ब्लाक अधिकारी रोजगार सेवक व प्रधान आपस मे बांट लेते है।
फिलहाल फरियादियो को बिना सुने भगाने व फोन न उठाने वाले भृष्ट कदौरा बीडीओ को शिकायती पत्र देने के बाद असंतुष्ट ग्रामीणों द्वारा विधायक व उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की बात कही है।

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