अवैध निर्माणो पर शक्त कार्यवाही करे प्रर्वतन अधिकारी-उपाध्यक्ष
अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्यवाही के लिए उपाध्यक्ष ने प्रवर्तन टीम को दिया लक्ष्य
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने सोमवार को प्रवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने शहर भर में अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्यवाही किये जाने के निर्देश देने के साथ ही अधिकारियों के लिए लक्ष्य भी निर्धारित किया। उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने विहित प्राधिकारियों को निर्देशित किया कि अवैध निर्माणों के ऐसे वाद जिनमें लोगों द्वारा शमन मानचित्र दाखिल किया गया है। उनके प्रकरण प्राथमिकता के आधार पर नियमानुसार निस्तारित किये जाएं। इसके अलावा अवैध निर्माण के जो मुकदमे विहित प्राधिकारी न्यायालय में एक वर्ष या उससे अधिक समय से चल रहे हैं, उनमें तेजी लाते हुए नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाये। वहीं उपाध्यक्ष ने बैठक में उपस्थित समस्त जोन के अधिशासी अभियन्ताओं से अवैध निर्माणों के खिलाफ की गई कार्यवाही का ब्यौरा तलब किया। इस दौरान पूर्ण सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर जोन-5 के अभियंता के विरूद्ध चेतावनी नोटिस जारी करने के आदेश दिये गये। उपाध्यक्ष ने कहा कि अवैध निर्माण के ऐसे मामले, जिनमें ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किये गये हैं और उनमें कोई न्यायिक विवाद नहीं है। उनके खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उपाध्यक्ष ने प्रवर्तन के अभियन्ताओं को निर्देशित किया कि प्राधिकरण द्वारा सील किये गये भवनों का समय-समय पर सत्यापन करते रहे। अगर किसी सील भवन में व्यावसायिक गतिविधि जैसे हाॅस्पिटल/रेस्टोरेण्ट आदि संचालित होते मिले तो उनके खिलाफ प्राधिकरण स्तर से सख्त कार्यवाही करने के साथ ही सम्बन्धित विभागों को पत्र भेजकर उनके लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही भी सुनिश्चित कराई जाये। उपाध्यक्ष ने अवैध निर्माणों के खिलाफ सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के लिए अधिकारियों का लक्ष्य भी निर्धारित किया। बैठक में प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार, विहित प्राधिकारी/विशेष कार्याधिकारी अमित राठौर, डी.के सिंह व रामशंकर तथा समस्त जोन के अधिशासी अभियन्ता समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। उक्त समीक्षा बैठक में अवैध निर्माण को लेकर अधिशासी अभियंता व अवर अभियंताओं को लक्ष्य निर्धारित किये गये है परन्तु बिडम्बना यह है कि अधिषासी अभियंताओं व अवर अभियंताओं द्वारा किस हद तक अमल किया जायेगा। कुछ धन उगाही करने वाले अधिषासी अभियंता व अवर अभियंताओं ने अवैध निर्माण पर चुप्पी साध रखी है। समाचार पत्रों में इस तरह के अधिशासी अभियंता व अवर अभियंताओं के भ्रष्टाचार में लिप्त कारनामे प्रकशित होते रहते है। परन्तु ऐसे अधिशासी अभियंता व अवर अभियंताओं के ऊपर इन समाचारों का कोई असर नहीं होता हो है और ये अपनी आंखें बंद करके मोटी धन उगाही कर राजधानी में अवैध निर्माणों को अंजाम तक पंहुचा रहे है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को अवैध निर्माण कर्ताओं के साथ ऐसे अधिषासी अभियंता व अवर अभियंताओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए तभी अवैध निर्माण को प्रोत्साहन मिलना बंद हो सकेगा। उदहारण के लिए जोन 5 के अवर अभियंता सुशील कुमार सिंह द्वारा अपने कार्यकाल में सैकड़ों अनवरत व्यावसायिक अवैध निर्माणों को अंजाम दिया जा रहा है तथा सील्ड अवैध निर्माणों में मिलीभगत करके चोरी छुपे निर्माण कराया जा रहा है। सबसे अधिक व्यावसायिक निर्माण नहर रोड जानकी पुरम में उक्त अभियंता द्वारा कराये जा रहे हैं।अवैध निर्माणों के हिमायती अवर अभियंताओं को एलडीए में कौन दे रहा तैनाती ? लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी के द्वारा अवैध निर्माण पर कड़ी कार्रवाई के दिए गए निर्देशों के बाद भी प्रवर्तन मे वर्षों से तैनात अवैध निर्माणों के हिमायती बेलगाम भ्रष्ट अवर अभियंताओ के विरुद्ध कार्यवाही करने के बजाय बार बार प्रर्वतन मे प्राधिकरण अधिकारियो द्वारा तैनाती दिया जाना सवालिया निशान है ? जोन पांच में बार-बार तैनाती लेने वाले दागदार अवैध निर्माणों के हिमायती अवर अभियंता सुशील कुमार सिंह के तैनाती क्षेत्र जानकीपुरम विस्तार के गुडंबा थाना से नहर रोड जाने वाले मार्ग पर दर्जनो व्यवसाइक निर्माण नियम विरुद्ध अवर अभियन्ता एसके सिंह के संरक्षण मे खुले आम बिना मानचित्र के बहुमंजिला निर्माण हो रहे है। सम्बन्धित मामले मे जोन पॉच के अधिषासी अभियन्ता के के बंसला से समाचार पत्र द्वारा लिखित मे पूंछने पर चन्द शब्दो मे कहा गया कि सहायक अभियन्ता को जॉच के निर्देश की बात कही गयी,अब जॉच कौन और कर रहा इसका कुछ तो अता पता नही, लेकिन अवैध व्यवसाइक बहुमंजिला निर्माण अवश्य धड़ल्ले से हो रहे है। वही अधिषासीअभियंता के के बंसला कार्यवाही कपने के बजाय अवैध निर्माणो के हिमायती अवर अभियंता एसके सिंह के सामने नतमस्तक अवश्य दिखाई दे रहे है ? अब देखना यह है कि उपाध्यक्ष महोदय ऐसे अवर अभियंताओं के खिलाफ क्या कारवाही करेंगे या केवल समीक्षा बैठकों का सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा और अवैध निर्माण राजधानी में हर सड़क चौराहे और गली में ऐसे ही अभियंताओं की मिलीभगत से निरंतर होते रहेंगे।