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फीफा वल्र्ड कप 2017 के विख्यात प्रचारक डा. गौतम पाल का

लखनऊ आगमन 21 व 22 अप्रैल को
लखनऊ। भारत में आयोजित होने वाले फीफा-17 फुटबाॅल विश्व कप के विख्यात प्रचारक डा0 गौतम पाल का लखनऊ आगमन 21 व 22 अप्रैल 2017 को हो रहा है। वह 20 अप्रैल को सड़क मार्ग से लखनऊ शाम को आ जायेंगे। वह लखनऊ के हजरतगंज, नरही स्थित पाल होटल में रूकेगे। वह सामाजिक संस्था हर्ष स्पेशली-एबल्ड केयर फाउण्डेशन, मेरठ के अध्यक्ष भी हैं। डा. गौतम पाल ने मोदी जी से प्रभावित होकर 27 मार्च 2016 से ही फुटबाॅल के प्रसार-प्रसार में जुट गये और युवाओं तथा बच्चों को फुटबाॅल बांटकर फीफा-17 विश्व कप के लिये जाग्रत करने कार्य कर रहे हैं। अब तक वह मेरठ, मोदीनगर, हापुड, मुरादनगर, गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली, ग्वालियर में इस अभियान के अन्तर्गत युवाओं को जाग्रत कर चुके हैं। पूरे देश में फुटबाल बांटकर फीफा-17 फुटबाॅल विश्व कप का प्रचार-प्रसार करने का उनका संकल्प है। वह अभी तक 15 हजार से अधिक फुटबाल बांट चुके हैं।
ज्ञातव्य हो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित फीफा फुटबाल चैम्पियनशिप 6 और 28 अक्टूबर 2017 के बीच भारत के प्रमुख महानगरों में आयोजित होगा। अंतिम फाइनल मैच 28 अक्टूबर 2017 को कोलकाता में साल्ट लेक स्टेडियम आयोजित किया जाएगा। प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक कार्यक्रम दौरान कहा कि फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबाल (फीफा) अण्डर-17 विश्व कप 2017 की मेजबानी करने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है। निस्संदेह देश द्वारा आयोजित होने वाली सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता होगी। केवल इस आयोजन की सफल मेजबानी हमारा अंतिम उद्देश्य नहीं हो सकता। फीफा-17 विश्व कप भारत को बदलने के लिए उत्प्रेरक होना चाहिए। इसका उद्देश्य देश में हर बच्चे को फुटबाल खेलने का मौका देना है। उन्होंने कहा इस साल अक्टूबर में होने वाले विश्व कप के साथ, मोदी ने मिशन इलेवन मिलियन नामक एक विशेष आउटरीच कार्यक्रम पर भी प्रकाश डाला, जो पूरे देश में 15000 से अधिक स्कूलों के छात्रों को लक्षित करने के लिए तैयार है।
मिशन इलेवन मिलियन फुटबाल के खूबसूरत गेम को देश भर में कम से कम 11 मिलियन लड़कों और लड़कियों में ले जाएगा। कच्छ से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक तथा कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर राज्य में के बच्चों को फुटबाल सीखने, खेलने और आनंद लेने का मौका मिलेगा। देश भर में 15,000 से अधिक स्कूल इस में भागीदार होंगे। लड़कों और लड़कियों को फुटबाल खेलना और कौशल और फिटनेस दोनों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हमें न सिर्फ बच्चों के समर्थन, बल्कि हर माता-पिता और हर शिक्षक की भी जरूरत है। मुझे पूरा भरोसा है कि ये बच्चे दुनिया में अपने सही स्थान पर भारतीय फुटबाल को ले जा सकेंगे।

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