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मुख्यमंत्री स्वयं समाधान दिवसों का औचक निरीक्षण यथाशीघ्र प्रारम्भ करेंगे

जनता का सम्मान प्रदेश के मुख्यमंत्री का सम्मा
लखनऊ: 02 जून, आरएनएस। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कड़े निर्देश दिये हैं कि जनता की समस्याओं का समय से निदान न करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर दण्डित किया जाये। मण्डल एवं जनपद स्तर पर प्रत्येक दिन प्रातः 09.00 से 11.00 बजे तक मण्डलायुक्तों सहित जिलाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों एवं तहसील एवं ब्लाक स्तर के अधिकारियों को भी अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर फरियादियों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित कराना होगा। सोशल मीडिया के माध्यम से समस्याओं की जानकारी प्राप्त होने पर उनका भी निराकरण प्राथमिकता से सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि आम जनता से सीधा संवाद स्थापित करने तथा सोशल मीडिया को और अधिक सक्रिय करने हेतु सोशल मीडिया हब की स्थापना करायी जाये। उन्होंने कहा कि मेगा काॅल सेण्टर के माध्यम से प्राप्त होने वाली शिकायतों का समाधान निर्धारित अवधि में कराकर शिकायतकर्ता को अवगत कराना अनिवार्य होगा। विभागीय अधिकारियों को कोई भी कार्य लम्बित रखने की कार्यशैली हर हालत में बदलनी होगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को तहसील स्तर पर आयोजित होने वाले समाधान दिवसों का औचक निरीक्षण करना होगा। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी समाधान दिवसों का औचक निरीक्षण यथाशीघ्र प्रारम्भ करेंगे।मुख्यमंत्री जी आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव आई0टी0, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव सूचना एवं निदेशक सूचना सहित मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात सचिव एवं विशेष सचिवों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य गरीब जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से कराना है, जिसके लिये प्रत्येक अधिकारी को अपने स्तर से अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा के साथ करना होगा। योगी जी ने यह भी निर्देश दिये कि मेगा काॅल सेण्टर के कार्यों को और अधिक प्रभावी कराने हेतु आवश्यक व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित करा ली जायें। उन्होंने कहा कि थाना एवं तहसील स्तर पर फरियादियों की समस्याओं का समाधान न होने पर ही फरियादियों को उच्च अधिकारियों के साथ-साथ उनके (मुख्यमंत्री के) पास अपनी फरियाद सुनाने के लिये विवश होकर आना पड़ता है, जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों की कार्यशैली को नजर अंदाज कतई न कर उन्हें दण्डित किया जायेगा।
योगी जी ने यह भी निर्देश दिए कि उनके भ्रमण, निरीक्षण अथवा अन्य कार्यक्रमों के दौरान उनके लिये विशेष व्यवस्था कतई न की जाए। उन्होंने कहा कि हम जमीन पर बैठने वाले लोग हैं, इसलिए अलग से व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। जनता का सम्मान ही प्रदेश के मुख्यमंत्री का सम्मान है। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियांे को जनता के हितों के समाधान हेतु उनके प्रति संवेदनशील रहते हुए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में निःशुल्क स्कूल ड्रेस, जूता-मोजा एवं किताबों का वितरण समय से सुनिश्चित कराया जाये। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि फरियादियों की समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान करने हेतु टोल-फ्री नम्बर जारी कराया जाये। फरियादियों की समस्याओं के समाधान हेतु हेल्पलाइन भी प्रारम्भ की जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के गठन के 100 दिन पूर्ण होने पर विभागवार कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए, निर्धारित तिथि को विकास एवं जन-कल्याणकारी कार्यों की जानकारी आम जनता को दी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि विभागवार जनहित में कराये गये कार्यों की सक्सेज स्टोरी भी प्रकाशित कराकर आम जनता को जानकारी उपलब्ध करायी जाये। बैठक में मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर, अपर मुख्य सचिव आई0टी0 श्री संजीव सरन, प्रमुख सचिव सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0गोयल, सचिव मुख्यमंत्री श्री मृत्यंुजय कुमार नारायण, सूचना निदेशक श्री अनुज कुमार झा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री श्री रिग्जियान सैम्फिल, डाॅ0 आदर्श सिंह, श्री अजय सिंह एवं श्री अमित सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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