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व्यापारियों के अधिकारो का हनन बर्दास्त नही-अनूप शुक्ला

पूरी तरह फ्लाप साबित हुई व्यापारियों की अधिकार रैली
हरिओम गुप्ता
कानपुर नगर | प्रतिनिधि उधोग व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष अनूप शुक्ला की अध्यक्ष में एक व्यापारी सम्मेलन का मोतीझील में आयोजित किया गया जिमसें प्रदेश की सभी जनपदो के जिलाध्यक्षो एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। सम्मेलन के दौरान सरकार की व्यापार विरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित व्यापारियों ने सरकार के प्रति अपना गुस्सा व रोष प्रकट किया तथा कहा गया कि प्रदेश स्तर पर इस तरह की विशाल रैली का आयेाजन नही किया गया। मंच पर उपस्थित अध्यक्ष अनपू शुक्ला ने सभी अतिथियों व व्यापारियों का स्वागत किया तथा कहा कोई भी सरकार व्यापारियों के सहयोग व समर्थन के बिना अपना कार्यकाल पूर्ण नही कर सकती है। आज प्रदेश का व्यापारी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। सम्मेलन के माध्यम से मण्डी शुल्क की समाप्ति की मां, चाय वाले, फेरी वाले, सब्जी वाले, पकौडे वाले ऐसे सभी दुकानदारों को स्थाई दुकान निर्माण कराकर देने, ई वे बिल की सीमा दो लाख तक की जाने, जीएसटी को केवल दो टैक्स स्लैब किये जाने, ब्राण्डेड गलले को टैक्स फ्री करने, व्यापार आयोजन एवं व्यापारियों से सम्बन्धित सरकारी समितियों के गठन के साथ अन्य मांगो पर निराकरण मांगा। व्यापारी अधिकार रैली में अनूप शुक्ला द्वारा प्रदेश में सभी प्रमुख व कार्यशील व्यापारियों एवं संगठनो के पदाधिकारियों को व्यापारी रत्न से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गणेश यादव, सज्जनलाल गुप्ता, शालिनी आर्य रामकुमार गुप्ता, कीर्ति अग्निहोत्री, केके गुप्ता, बदरूददीन अहमद, गौरी शंकर अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

मुट्ठी भर व्यापारी भी नही हुए एकत्र, फ्लाप रही रैली
मोतीझील में प्रतिनिधि व्यापार मण्डल के अध्यक्ष अनूप शुक्ला के आवाहन पर आयोजित रैली पूरी तरह फ्लाप साबित हुई। कहा तो यह गया था कि प्रदेश में इस स्तर की रैली कभी नही हुई होगी लेकिन, मंच सहित पूरे मैदान में मुट्ठी भर व्यापारी भी न एकत्र हो पाया, कारण यह कि नगर में कई व्यापार मण्डल है जो व्यापारियो के हितों की बात करते है ऐसे में एक और नये व्यापार मण्डल में व्यापारी नही पडना चाहता है। दूसरी तरफ व्यापारी वर्ग अपनी ही समस्याओं से त्रस्त है और ऐसे में वह किसी व्यापार मण्डल से जुडना नही चाहता है। बडे व्यवसायी ही व्यापारमण्डलो से जुडे है। हकीकत तो यह है कि व्यापारियो के हितों की लडाई लडने वाले ऐसे व्यापार मण्डल छोटे व्यापारियों की तरफ ध्यान भी नही देते है। मोतीझील में हुई व्यापारी अधिकार रैली पूरी तरफ फ्लाफ साबित हुई। भले ही लोगो और महिलाओं को बुलाकर कुर्सियां भरने की कोशिश की गयी लेकिन वह भी न काफी रहा और पूरे पाण्डाल की कुर्सिया खाली पडी रही। रैली में उपस्थित पदाधिकारी पण्डाल में लोगो के आने का इंतजार करते रहे जिसके कारण कार्यक्रम देरी से शुरू हुआ लेकिन फायदा कुछ नही निकला। पूरी रैली के दौरान मैदान की कुर्सियां खाली पडी रही। अनूप शुक्ला द्वारा दावा किया गया था कि यह रैली एक एतिहासिक रैली होगी लेकिन उनके इस दावें की हवा निकल गयी। मैदान में बैठे कुछ छोटे व्यापारियों ने यहां तक कहा कि विशेष दबाव के कारण उन्हे कार्यक्रम में आना पडा है, व्यापार मण्डलो से व्यापारियों का कोई भला नही होता है, खासतौर पर छोटे व्यापारियों को स्वयं ही अपनी समस्याओं का निस्तारण करना पडता है। इस तरह प्रतिनिधि व्यापार मण्डल द्वारा आयोजित व्यापारी अधिकारी रैली पूरी तरह फ्लाफ साबित हुई।

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