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गड्ढों में तब्दील हुई सड़कें, राहगीरों की मुसीबते बढ़ी

पिरौना, जालौन। कस्बा एट नेशनल हाईवे से ग्राम भरसूड़ा को जाने वाला मार्ग गड्ढो में तब्दील हो गया बताते चले कि इस रोड से मवई, धुरट होते हुए ग्राम भरसूड़ा को यह मार्ग जोड़ता है आवागमन के कारण सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए ग्रामीणों ने बताया कि पिरौना, सला, जमरोही खुर्द, छिरावली होते हुए भी सड़क की बुरी दुर्दशा बनी हुई है यहां के लोगो को घण्टो लग जाते है मैन रोड पहुचने में, कस्बा एट से आधा दर्जन ग्रामो को जोड़ने वाली सड़के गड्ढे में तब्दील हो गई है। इस सड़क पर चलना कितना मुश्किल है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बाइक से मात्र सात किलोमीटर का सफर तय करने में आधा घंटे का वक्त लग जाता है गड्ढामुक्त सड़कों के तमाम सरकारी दावों के बावजूद क्षेत्र की सड़कों के हालत में सुधार नहीं हैं गड्ढे में तब्दील हो चुकी इन सड़कों पर राहगीरों का चलना मुश्किल है आए दिन बाइक सवार और साइकिल सवार गड्ढे की वजह से गिरकर घायल हो जा रहे हैं। सड़कों पर जगह जगह गड्ढे बन गए हैं जिसमें भरा पानी राहगीरों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं। सड़कों के किनारे जमा पानी, टूटी हुई सड़क के उपर से बह रहा है स्थानीय लोगो का कहना है कि सड़कों पर किसी का ध्यान नहीं है राहगीरों के लिए जोखिम भरा है
छिरावली निवासी काशीराम ने बताया कि सड़कों पर बने गड्ढों की वजह से इस रास्ते से सफर करना जोखिम भरा हुआ है स्थानीय जन प्रतिनिधियों को इस पर ध्यान देना चाहिए जिससे लोगों को इस परेशानी से निजात मिल सके
संजय उर्फ संजू ने कहा कि गड्ढामुक्त सड़क का सरकारी दावा फेल गड्ढामुक्त सड़क के सरकारी दावे फेल हैं अब तो इन सड़कों पर चलने से डर लगने लगा है इस सड़क से होकर जाने वाले परिवार के सदस्य जब तक वापस नहीं आ जाते चिंता लगी रहती है
भरसूड़ा निवासी चरन सिंह पहलवान ने कहा कि सड़क निर्माण में मानको का ध्यान नहीं विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सड़कें मानक के अनुरूप नहीं बन पाती जिससे हल्की सी बारिश और वाहनो की आवाजाही से सड़कों की गिट्टी उखड़ जाती है
मवई निवासी कृष्ण कुमार ने बताया कि विकास कार्य केवल कागजों पर सरकार के विकास के वादे कागजों तक ही सीमित हैं । जमीनी सच्चाई आकड़ों के बिल्कुल विपरीत हैं। ऐसे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता लोगों पर भारी पड़ रही है।
धनसिंह ने बताया कि बारिश के कारण सड़कों की मरम्मत का कार्य नहीं हो पाया है। अब बारिश थम गई है, ऐसे में जल्द ही सड़कों को दुरूस्त कराया जाए।
जान जोखिम में डाल प्रतिदिन सैकड़ों लोग जर्जर मार्ग से गुजरने पर मजबूर
छिरावली निवासी राघवराम ने बताया कि यह सड़क कई वर्षों से जर्जर पड़ी हुई है. इस सड़क से हजारों लोग जान जोखिम में डाल कर निकलते हैं. बड़े अफसोस की बात है कि चंद कदमों पर नेशनल हाइवे होने के बाद भी सम्बन्धित अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती. कई बार तहसील दिवस में इस जर्जर मार्ग को लेकर शिकायत की जा चुकी है मगर आज तक कोई समाधान नहीं हुआ.”
आधा दर्जन गांवों को जोड़ने वाला मार्ग कई वर्षों से पड़ा जर्जर
सड़क की हालत जर्जर और बरसात में जल भराव जैसी स्थिति होने के कारण यह सड़क बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई बस अब यह सड़क गड्ढों में तब्दील होकर हादसों को दावत दे रही है
गड्ढे में तब्दील हुई सड़कें, कागजों तक सिमटा सीएम का आदेश
सूबे में भाजपा सरकार से लोगों को काफी उम्मीदें थी कि सड़कों और हाईवे की दुर्दशा सुधर जाएगी. मुख्यमंत्री ने भी सत्ता में आते ही सड़कों को छह माह के अंदर गड्ढा मुक्त करने का दावा किया था, लेकिन सरकारी हुक्मरानों के फेर में मुख्यमंत्री का दावा भी कागजों का पेट भरने तक सीमित रह गया। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो गई है।

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