उरई(जालौन)। परमार्थ समाजसेवी संस्थान द्वारा विकासखण्ड रामपुरा के बाढ़ प्रभावित इलाके के ग्रामीणों को एक माह की राशन सामग्री का आज से वितरण शुभारंभ किया गया। राशन वितरण का कार्यक्रम जगम्मनपुर रोड़ पर स्थित पंडित रामदत्त द्विवेदी महाविद्यालय में किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में मैग्सेसे पुरुष्कार से सम्मानित जलपुरुष के नाम से विख्यात राजेन्द्र सिंह मौजूद रहे। कार्यक्रम में रामपुरा ब्लॉक के नदिया पार से ग्राम डिकोली, किशनपुरा, निनावली आदि गाँव के ग्रामीण एकत्रित हुए। संस्था के निदेशक अनिल सिंह ने बताया कि आज 27 अगस्त से लेकर 05 सितम्बर तक इस बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लगभग 2000 परिवारों को सहायता पहुँचाना इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि परमार्थ समाज सेवी संस्थान पूरे देश मे गरीबो को सहयोग पहुँचाने का काम करती हैं। जलपुरुष ने कहा कि वर्तमान में नदियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। आज की शिक्षा ने नदियों के बहाव को रोककर नदियों का दोहन किया हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण बाढ़ के रूप में इस बीहड़ क्षेत्र को भुगतना पड़ा है। अगर हम आज नहीं संभले तो ये बाढ़ का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा तथा और भी विकराल रूप हमारे सामने आ सकते हैं। सरकार व नेताओं को पानी के संरक्षण के उपाय खोजने पड़ेंगे तभी बाढ़ जैसे हालातो से निपटा जा सकेगा।
उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि राजस्थान जहाँ से वो आते है का एक इलाका सूखा प्रभावित था। जिसको उन्होंने ग्रामीणों के सहयोग से 11800 छोटे छोटे बांधनुमा रोक बना कर पानी का संरक्षण कर हराभरा बनाया तथा 07 नदियों को जिंदा किया हैं। सूखा तथा बाढ़ एक सिक्के के दो पहलू हैं। हमको इन दोनों पर काम करना पड़ेगा। तभी इस इलाके को बाढ़ मुक्त बनाया जा सकता हैं।
इस अवसर पर जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. संजय सिंह ने बताया की बाढ़ से बचाव के लिए सरकार को चाहिये कि बांध में पानी ज्यादा होने पर पानी को सप्लीमेंट्री बाँधो में भेजा जाये। बड़े बड़े तालाबों में पानी का संरक्षण किया जाना चाहिए। क्षेत्रीय किसानों को भी जलवायु परिवर्तन के साथ व वर्षा के मौसम के साथ फसलों के बुआई का कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि परमार्थ समाज सेवी संस्थान द्वारा जल संरक्षण के प्रोजेक्ट पर कार्य करते हुए बाँदा की चंद्रावल व झांसी की लखेरी नदी को पुनार्जीवेत कर दिया गया हैं।
कार्यक्रम में डिकोली से आये रामसिंह 80 वर्ष ने जलपुरुष से बाढ़ से बचाव के लिए उपाय पूछे। रामसिंह के सवालों के उत्तर देते हुए जलपुरुष ने कहा कि धरती का 72% पानी का हिस्सा खाली हो चुका हैं। बुंदेलखंड में 54% पानी की चोरी सूर्य कर रहा हैं। इसके बचाव के लिए पानी का संग्रहण बहुत जरूरी हैं। नदियों की धारा से छेड़छाड़ न की जाये। तभी बाढ़ से बचा जा सकता हैं। जलपुरुष ने बताया कि पूर्व में नदियों के जोड़ के प्रोजेक्ट को बंद करना उनकी जल संरक्षण पर एक बड़ी जीत हैं। वर्तमान में नदियों के झगड़े को निपटना न्यायपालिका के बस में नही हैं। जल पुरूष ने कहा कि 2026 तक देश के 90 शहर पानी से शून्य हो जायेगे। जिसमे चेन्नई पहले ही हो चुका हैं। दूसरा नम्बर शिमला व तीसरा बेंगलुरु हैं। जबकि सरकार द्वारा अपने आंकड़ों में 25 शहरों की बात कही जा रही हैं। कार्यक्रम में परमार्थ के सचिव डॉ. संजय सिंह, निदेशक अनिल सिंह, रामपुरा चेयरमैन शैलेन्द्र सिंह, ब्लॉक प्रमुख अजीतसिंह, वरिष्ठ पत्रकार के. पी. सिंह, अनिल कुमार शर्मा, उपजा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक अग्निहोत्री ने भी बाढ़ एवं सूखा की विभीषिका से निपटने के उपाय ग्रामीणों को बताये.
इस अवसर पर वरुण सिंह, शिवमंगल सिंह, अमित पुरवार, संतोष कुमार, मयंक कुमार, अजीत, निर्मल पाल, भीकम, पृथ्वीराज, शिवम, राजेश आदि सहित संस्था के कार्यकर्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये।