संवाद के माध्यम से नारद जी ने तोड़ने का नहीं बल्कि जोड़ने का कार्य किया। इसलिए वह पत्रकारिता के प्रथम पितृ पुरुष हैं। सृष्टि के पहले पत्रकार के रूप में माना जाता है नारद मुनि ने अपने जीवन में सूचनाओं का जो भी आदान प्रदान किया वह हमेशा लोगों के हित को ध्यान रखते हुए किया। नारद मुनि को निरंतर चलायमानऔर भ्रमणशील होने पर इससे वह हर समय तमाम लोको में भ्रमण करते रहे और वहां के हालातो का जायजा लेते रहे वह जब भी किसी लोक में जाते तो वहां के दुख और सुख की सूचना को भगवान नारायण तक पहुंचाते। इसका मकसद सिर्फ लोगों का कल्याण होता है एक पत्रकार का काम होता है दो लोगों के बीच संवाद बनाना और विचारों के बीच मध्यस्तता करना नारद जी इस काम को ब बखूबी से निभाते आए। नारद मुनि वेदों के ज्ञानी ही नहीं है वे वेदों के ज्ञान का प्रचार प्रसार भी करते आए उन्हें वेदों के संदेश वाहक के रूप में भी जाना जाता है इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर उन्होंने देवताओं को ही नहीं बल्कि दैत्यों को भी सही राह दिखाई है।सत्य का उजागर करना सही पथ पर चलने के लिए समय-समय पर समाचारो के द्वारा निर्देशित करते रहना चाहिए।
पत्रकार गुड्डू मिश्रा