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प्रभावशाली बिल्डर के खिलाफ मुकदमा कायम पहुंचा सलाखों के पीछे,

अवर अभियंता के तेवरों से बिल्डरों में ह्ड़कंप,
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष डॉ इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा शहर में चल रहे अवैध निर्माणों के खिलाफ लगातार कार्यवाई के आदेशों के ब-वजूद भी जे ई,ए ई द्वारा शिथिलता एवं लापरवाई बर्तना इनकी फितरत में जहाँ आम बात है या यूँ कहें कि रच बस चुकी है। वही प्रवर्तन जोन-6 में तैनात अवर अभियंता इम्तियाज अहमद द्वारा वीसी के आदेशों का सम्मान रखते हुए 1997 में हुआ एफ-आई बिल्डर द्वारा अवैध एफ-आई टॉवर निर्माण के विरुद्ध, एफ-आई निदेशक बिल्डर मोहसिन इकबाल पुत्र इकबाल पर अपराध पंजीकृत कर जेल भेजने की कार्रवाई कर शहर में चल रहे अवैध रूप से निर्माण कर्ताओं में हड़कंप मचा दिया है। ज्ञाताव्य है अवर अभियंता इम्तियाज अहमद द्वारा जहाँ एक बड़े बिल्डर पर निष्पक्ष कार्रवाई कर एलडीए विभाग में तैनात अवर अभियंताओं को आईना दिखाया तो दूसरी तरफ इम्तियाज अहमद की कार्य शैली से शहर के लोगों का विश्वास जागा। वहीं अवैध निर्माण कर्ताओ द्वारा इम्तियाज के विरुद्ध षणयंत्र रचना भी शुरू हो गए। वहीं लोगों में यह भी विश्वास जागा है कि अब विकास प्राधिकरण से न्याय की उम्मीद की जा सकती है। अवर अभियंता द्वारा निष्पक्ष कार्रवाई से जहाँ शहर में चल रहे अवैध निर्माण तथा कथित बिल्डरों में हड़ कंप मच गया है। तो वहीं अवैध रूप से निर्माण कर रहे कथित निर्माणकर्ताओं ने अवर अभियंता के खिलाफ षणयंत्र करना एवं प्रचार करना शुरू कर दिया है और दावा कर रहे हैं कि जल्दी अवर अभियंता को प्रवर्तन जोन-6 से रवाना कर दिया जाएगा। कथित निर्माणकर्ता सत्ता के दम पर अवर अभियंता को चलता करने पर लग गए हैं। मालूम हो कि एलडीए प्रवर्तन जोन-6 में तैनात अवर अभियंता इम्तियाज अहमद ने चर्चित एफ-आई बिल्डर पर कार्रवाई कर मुकदमा पंजीकृत कराया है।आरोप है कि बिल्डर ने नियमों को धता बताते हुए कानून को किनारे कर बहुमंजिला इमारत का निर्माण करवाया। शिकायत मिलने के बाद एलडीए ने मामले को संज्ञान में लिया और जांच के बाद कैसरबाग कोतवाली में बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी। अवर अभियंता इम्तियाज अहमद ने पत्रकारों को बताया कि 18 फरवरी 1997 में एफ-आई बिल्डर निदेशक मोहसिन इकबाल,भाई सिराज और सहयोगी माइकल पाँल को कैसरबाग इलाके में 23 हजार वर्ग मीटर जमीन पर अपार्टमेंट बनाने की स्वीकृति दी गई थी। उन्होंने बताया कि एफ-आई बिल्डर को 6 मंजिला इमारत में 72 फ्लैट बनाने थे। लेकिन जब निर्माण कार्य हुआ तो नियमों की अनदेखी कर आठ मंजिला इमारत खड़ी कर दी गई, टैरिस पर पेंटाहाउस भी बना दिया। इसके साथ ही नियमानुसार छोड़े जाने वाले सैटबैक पर आंशिक निर्माण करा लिया। जबकि इसकी स्वीकृति लखनऊ विकास प्राधिकरण ने नहीं दी थी। कैसरबाग प्रभारी निरीक्षक सुधाकर सिंह ने बताया कि एलडीए के अवर अभियंता की तहरीर पर बिल्डरों पर धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर इस्तेमाल करने एवं साजिश रचने की धारा में एफआईआर दर्ज हुई है। थाना प्रभारी ने बताया कि एलडीए विभागीय स्तर पर की गई जांच से संबंधित दस्तावेज पुलिस को उपलब्ध करा दिए गए हैं। इसके बाद कैसरबाग पुलिस ने मोहसिन इकबाल को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई कर दी है। एलडीए की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में बताया गया,कि जब विकास प्राधिकरण को अवैध निर्माण कार्य व मानकों को ताख पर रख कर बनाई गई इमारत की जानकारी मिली तो एफ-आई बिल्डर को नोटिस जारी की गई, लेकिन बिल्डर ने नोटिस का कोई जबाव नहीं दिया। विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता की तहरीर पर बिल्डरों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर कार्यवाई करदी है।

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