Home > विचार मंथन > सबका विकास’ के लिए प्रतिबद्ध 50 दिन

सबका विकास’ के लिए प्रतिबद्ध 50 दिन

जयंत सिन्हा
सांसद, हजारीबाग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 50 दिनों में यह सिद्ध किया है कि ‘सबका विकास’ अभी भी उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. कई अहम फैसलों और बड़े नीतिगत कदमों से प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने गरीबों और जरूरतमंदों तक कई फायदे पहुंचाये हैं, जो इसके सबसे ज्यादा हकदार हैं. इसके अलावा ‘सबका साथ, सबका विकास’ के आदर्श वाक्य के साथ अब ‘सबका विश्वास’ का जुड़ जाना सभी समुदायों के बीच भरोसा बढ़ाने के दृढ़ संकल्प को भी प्रदर्शित करता है.सरकार के पहले फैसले से पता चलता है कि हमारी रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर देनेवाले हमारे वीर सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर हैं. राष्ट्रीय रक्षा कोष के अंतर्गत प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना में व्यापक बदलावों को स्वीकृति दी गयी है. छात्रवृत्ति दरों में पर्याप्त बढ़ोतरी की गयी है. इस योजना का विस्तार पुलिस के उन अधिकारियों के बच्चों के लिए किया गया, जो आतंकवादी या नक्सली हमलों में शहीद हो गये.अपने नीतिगत फैसलों और बजट में धन का आवंटन करके सरकार लगातार अपना ध्यान जीवन को सुगम बनाने (ईज ऑफ लिविंग) पर केंद्रित किये हुए है. साल 2022 तक मोदी सरकार ग्रामीण क्षेत्र में हर परिवार को बिजली और स्वच्छ रसोई गैस कनेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी. प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के पात्र लाभार्थियों को 1.95 करोड़ से ज्यादा मकान उपलब्ध कराये जायेंगे. उज्ज्वला योजना के जो लाभार्थी बड़े सिलेंडर नहीं खरीद सकते, उनके बीच पांच किलोग्राम के सिलेंडर को प्रोत्साहन देने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया है. घोषणापत्र के वादों को पूरा करने के क्रम में जल संबंधी मुद्दों के तत्काल और व्यापक समाधान के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी का जल संरक्षण और जल सुरक्षा पर विशेष जोर है. इस क्रम में जल जीवन मिशन शुरू किया गया है, जिसके जरिये 2024 तक हर ग्रामीण परिवार को ‘हर नल से जल’ यानी स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा. वहीं श्जल शक्ति अभियानश् के तहत 256 जिलों में जल की कमी से जूझ रहे 1,592 खंडों में जल संरक्षण के लिए जन भागीदारी का आह्वान भी किया गया है.प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में किसानों के सामने मौजूद चुनौतियों को पहचानते हुए श्प्रधानमंत्री किसान योजनाश् का दायरा बढ़ाते हुए 14.5 करोड़ किसानों के लिए महत्वपूर्ण फैसला किया और पांच करोड़ से ज्यादा अन्नदाताओं के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की पेंशन योजना का ऐलान किया.
इसका एक खास पहलू यह है कि किसान इस योजना के तहत मिलनेवाली राशि में से सीधे कटौती कराकर भुगतान कर सकते हैं. इसके अलावा किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ने जीरो बजट कृषि (जेडबीएफ) और पारंपरिक उद्योगों के उत्थान को प्रोत्साहन दिया है, जिससे कृषि आपूर्ति शृंखला में किसान पूरी तरह भागीदारी करने में सक्षम हो जायेंगे.बजट में 10 हजार नये कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है, जिससे न सिर्फ सीमांत किसानों को कम ब्याज दर पर सहायता मिल सकेगी और वह ऊंची दरों पर उपज बेच सकेंगे, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि कृषि सुधारों की गति उन तक जल्दी और प्रभावी रूप से पहुंच सके. इसके साथ ही खरीफ की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी किसानों के लिए बड़ा वरदान साबित हुई है.मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना नाम से एक पेंशन योजना शुरू की, जिसके माध्यम से तीन करोड़ छोटे दुकानदारों, खुदरा कारोबारियों और स्वरोजगार में लगे व्यक्तियों को प्रति माह तीन हजार रुपये की पेंशन प्रदान की जायेगी. एमएसएमई को पर्याप्त कर्ज उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अपने एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से 59 मिनट के भीतर एमएसएमई के लिए एक करोड़ रुपये तक के ऋण की शुरुआत की है. इसके अलावा जीएसटी में पंजीकृत सभी एमएसएमई को नये या वृद्धि संबंधी ऋणों पर दो फीसदी ब्याज सब्सिडी देने के लिए 350 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया. सरकार एमएसएमई के लिए एक पेमेंट प्लेटफॉर्म तैयार करेगी, जिस पर कारोबारी बिल जमा करने और अदायगी करने में सक्षम हो जायेंगे. इससे उनकी कार्यशील पूंजी की जरूरत कम हो जायेगी.प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 1.25 लाख किलोमीटर लंबी सड़कों को अपग्रेड किया जायेगा, जिसमें ग्रामीण बस्तियों को ग्रामीण कृषि बाजारों (ग्राम्स), उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के साथ अस्पतालों से जोड़ा जाना शामिल है. लगभग 97 प्रतिशत गांव बारहमासी सड़कों से जोड़ दिये गये हैं. विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सड़क संपर्क में सुधार से कृषि से गैर-कृषि रोजगार की तरफ रुझान बढ़ा है, आवागमन में सुधार हुआ है, आर्थिक अवसरों तक पहुंच बढ़ी है और विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है. हकीकत यह है कि ग्रामीण इलाकों में सड़क संपर्क में सुधार से घरों में बच्चों के जन्म लेने के मामले खासे कम हुए हैं, जिससे इस विकास कार्यक्रम के गहरे प्रभाव का पता चलता है.प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पहले 50 दिनों के इन जोरदार कामों से पता चलता है कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ न सिर्फ एक मार्गदर्शक मंत्र है, बल्कि काम करने का एजेंडा भी है, जिसका फायदा सभी भारतीयों को तेजी से मिल रहा है. हमारा देश अत्यंत गरीबी की श्रेणी में आये सुधार का साक्षी भी बन चुका है. अत्यंत गरीब श्रेणी की कुल संख्या में से 2006 से 2016 के बीच 27 करोड़ की कमी आयी है, जो बदलाव की तस्वीर दर्शाता है. संभवतः इस समय भारत में गरीबों की संख्या सात करोड़ से भी कम रह गयी है और जीडीपी के पांच ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंचने के साथ ही हमारे देश में गरीबी में भारी कमी देखने को मिलेगी. हर भारतीय के पास जल्द ही एक पक्का मकान, पर्याप्त खाना, स्वच्छता, स्वच्छ जल, स्वास्थ्य सेवाएं, मुफ्त शिक्षा, सुविधाजनक रसोई गैस, बिजली, मोबाइल फोन सेवा, मजबूत सड़कें और एक बैंक खाता होगा. प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई वाली सरकार हर भारतीय को गरिमा और आत्म-सम्मान उपलब्ध करा रही है. यह निश्चित रूप से मानवता की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियों में से एक बनने जा रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *