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अपने अधिकारों की रक्षा के लिए भी खुद ही आवाज़ उठानी होगी

ब्रेकथ्रू के ओपेन माइक ‘खुल के बोल ‘में छात्र-छात्राओं ने लैंगिक भेदभावों पर रखे अपने विचार

तरुण जयसवाल
लखनऊ,समाज में बेटियों के अधिकारों को अक्सर कम आँका जाता है फ़िर चाहे बात उनकी शिक्षा की हो या उनके स्वास्थ्य की हो हम अक्सर उनके अधिकारों में कटौती करके उनके साथ भेदभाव को बढ़ावा देते हैं। कई बार यह भेदभाव आगे चल कर हिंसा का रूप धारण कर लेता है। ऐसी ही कुछ बातें कविता,किस्से और कहानी के माध्यम से कही गई मौक़ा था मानवधिकार और महिला मुद्दों के लिए काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था ब्रेकथ्रू द्वारा गोंसाईगंज स्थित पंचशील पब्लिक स्कूल में आयोजित ओपेन माइक ‘खुल के बोल’ कार्यक्रम का,जिसमें महिलाओं और लड़कियों के साथ होने वाले भेदभाव के विषय पर युवा कवियों ने अपने विचार रखे।कार्यक्रम का संचालन व समन्वय ब्रेकथ्रू के नदीम ने किया कार्यक्रम की शुरूआत में ब्रेकथ्रू संस्था के परिचय के साथ ज़िला समन्वयक मनीष कुमार बहल ने कहा कि बदलाव की शुरुआत अपने आप से करनी होगी समाज में महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए यह ज़रूरी है कि हिंसा को किसी भी रूप में समाज में ना स्वीकारा जाए और जब बात हिंसा की होती है तो इसका सबसे बड़ा कारण लड़के और लड़कियों के बीच किए जाने वाला भेदभाव है। इस भेदभाव को खत्म करने के लिए हमें ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है। पंचशील पब्लिक स्कूल की आठवीं कक्षा की छात्रा लक्ष्मी चौरसिया ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अक्सर हमें आस पड़ोस में पराए धन की संज्ञा दी जाती है और जब कभी हम अपने अधिकारों की बात करते हैं तो हमें यह कह कर चुप करा दिया जाता है कि अंत में तुम्हें शादी करके अपने पति के घर ही जाना है। लक्ष्मी ने बताया कि कैसे उसके अपने ही उसके साथ भेदभाव करते हैं और उसे बराबरी का दर्जा नहीं देते हैं। पंचशील पब्लिक स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र वर्णित कुमार ने अधिकारों की बराबरी के लिए अपना पक्ष रखा शिवेंद्र ने अपनी कहानी के माध्यम से यह बताया कि कैसे उसके आस पड़ोस में लड़के और लड़कियां दोनों के बीच में लोग भेदभाव करते हैं और जब भी वो इस बात का विरोध करता है तो कैसे समुदाय के लोग पहले तो उसकी बातों को नाकार देते थे लेकिन अब बार-बार बात करने की वजह से समुदाय में लोग सुनने लगे हैं और मदद को भी आगे आने लगे हैं। वर्णित ने कहा हमें प्रकार का अधिकार लड़कियों को भी देना होगा जो हम लड़कों को बहुत आसानी से देते हैं , इसके अलावा हमें जब भी हो सके इस तरह के भेदभाव का खुल कर विरोध करना होगा पंचशील पब्लिक स्कूल की सातवीं कक्षा की छात्रा रिया ने बताया कि जिस प्रकार अपना काम हमें खुद करने की ज़रूरत होती है। ठीक उसी प्रकार से अगर हमें समुदाय में व्याप्त भेदभाव को ख़त्म करना है तो बेशक हमें खुद भी प्रयास करने होंगे समुदाय और समाज को बेहतर बनाने के लिए यह बेहद ज़रूरी है कि हम किसी भी प्रकार के भेदभाव को होने से रोकें ब्लॉगर आस्था और गौसिया ने बताया की लड़के और लड़कियों दोनों को ही समान अवसर देने की ज़रूरत है और यह समान अवसर ही उन्हें आगे एक सशक्त समुदाय का निर्माण करने के लिए प्रेरित करते हैं। समुदाय को आगे बढ़ाने के लिए यह बेहद ज़रूरी है कि हम किसी भी प्रकार के भेदभाव को होने से रोकें स्टैंडअप कॉमेडियन आदर्श ने बताया कि कैसे समाज में लोग हिंसा को बढ़ावा देते हैं और अक्सर संचार के माध्यम में जब हिंसा देखते हैं तो उसे देख के बहुत ख़ुश होते हैं। आदर्श ने बताया कि हिंसा का सबसे कारण भेदभाव ही है और अगर हमें हिंसा खत्म करनी है तो बेशक भेदभाव को पूरी तरह ख़तम करना होगा इस कार्यक्रम में ब्रेकथ्रू से हिना,सामिया ,अंशिता ,पलक ,सहित काफ़ी संख्या में पंचशील पब्लिक स्कूल के स्टूडेंट शामिल रहे।

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