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अटल बिहारी बाजपेई जी के निधन पर बैदेही वेलफेयर फाउंडेशन ने शोक सभा का आयोजन किया

अली आबिद ज़ैदी एक याद उस महान व्यक्तित्व के स्वामी को, एक स्मृति पूर्व संध्या , एक शांत मन अभिनंदन और शत-शत नमन, भावभीनी श्रद्धांजलि देश के रतन महान व्यक्तित्व के स्वामी माननीय श्री अटल बिहारी बाजपेई जी के नाम हुई। यह कार्यक्रम लखनऊ के घंटाघर क्लॉक टॉवर , चौक में साय 4 बजे आयोजित हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय अटल बिहारी बाजपेई जो केवल भारत में ही नहीं भारत के बाहर भी उसी सम्मान और महान व्यक्तित्व के कारण सबके प्रिय थे और जिन्होंने अखंड भारत का सपना देखा था भारत रत्न से सम्मानित अटल जी को कोटि-कोटि नमन और भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। बैदेही वेलफेयर फाउंडेशन ने वैदेही परिवार के साथ अटल जी को अश्रुपूरित भावभीनी श्रद्धांजलि दी जिसमें अध्यक्ष डॉ रूबी राज सिन्हा ने कहा भले ही आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके विचार उनके बताए हुए पथ, और उनके सिद्धांतों पर चलते हुए हमारे देश में रोज एक अटल जन्म लेगा और जब तक सूरज चांद रहेगा अटल जी का नाम रहेगा। कार्यक्रम में बैदेही वेलफेयर फाउंडेशन अध्यक्ष डॉ रूबी राज सिन्हा और सचिव इंजीनियर प्रवीण सिन्हा ने फूलों से आदरणीय अटल जी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी साथ में अंशिका राय, रेशमा निगम, कलाकार भूषण अग्रवाल जी , लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनूप मिश्रा जी , सीमा सिन्हा जी के साथ मीडिया कर्मी और अन्य मित्रगण शामिल रहे जिन्होंने अटलजी के लिए फूलो से भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और कविता की 4 पंक्तियों से उस महान पुरुष का अभिनंदन किया। साथ ही अंशिका ने आदरणीय अटल जी को समर्पित सुंदर कविता सुनाई, लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर श्री अनूप मिश्रा जी ने उनके व्यक्तित्व और जीवन के संबंध में कई बातें बताएं क्योंकि वह अपने जीवन में तीन बार अटल जी से मिल चुके थे और उनके अंतिम संस्कार में उनके अंतिम दर्शन करने दिल्ली भी गए थे तो उन्होंने हृदय से लिखी हुई एक कविता अटल जी को समर्पित की और विचार सांझा किए। इस कार्यक्रम में बच्चे ,महिलाएं ,बूढ़े और कई देखने वाले लोगों ने शामिल होकर फूलों से अटल जी को फूलो से श्रद्धांजलि दी। अटल जी एक महान व्यक्तित्व के स्वामी थे जिन्होंने 15 अगस्त को अपनी मौत से लड़ते हुए 16 अगस्त को मौत को गले लगाया कि हमारा देश का तिरंगा हमेशा लहराता रहे 15 अगस्त को अगर वह अपनी जिंदगी से हार जाते तो सदैव के लिए हमारे देश का तिरंगा झुक जाता है और कभी हम अपना 15 अगस्त गर्व से नहीं बना पाते, वह एक युगपुरुष थे एक सच्ची आत्मा थे जिन्होंने 15 अगस्त को अपने देश का झंडा लहरा कर मौत से लड़ते हुए 16 को मौत की गोद में जाना स्वीकार किया ऐसे महापुरुष ऐसे महानायक ऐसे महान व्यक्तित्व के स्वामी को बैदेही वेलफेयर फाउंडेशन तथा पूरा देश ही नहीं बल्कि कई विदेशी देश शत शत नमन करते है। d

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