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जनपद लखनऊ में धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता लागू

अधिक ध्वनि तीव्रता उत्पन्न करने वाले पटाखों का उत्पादन एवं विक्रय निषिद्ध रहेगा- जिला मजिस्ट्रेट
लखनऊ- | जिला मजिस्ट्रेट कौशलराज शर्मा ने कहा है कि इस वर्ष दीपावली का पर्व 19 अक्टूबर 2017 को मनाया जायेगा इस अवसर पर लोग तरह तरह की तेज आवाज वाली आतिशबाजी का प्रयोग व विक्रय करते है व बहुत तेज आवाज वाली एवं आम जनता में दहशत फैलाने वाली आतिशबाजी जैसे बम, चटाई, लडियाॅं, मिसाइल्स,राकेट, के्रेकर आदि का प्रयोग तथा क्रय-विक्रय किया जा सकता है, फलस्वरूप लोगों के घायल हो जाने और तेज आवाज से भयभीत हो जाने की प्रबल आशंका है जिससे जनसम्पत्ति, जनसुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा तथा शान्ति व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। जिला मजिस्टेªेट ने ऐसी स्थिति में धारा-144 द0प्र0सं0 के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जनजीवन एवं निजी/लोक सम्पत्ति की हानि एवं दंगा बलवा के निवारण के उद्देश्य से पूरे जनपद में प्रतिबन्धात्मक आदेश पारित किये है।
जिलामजिस्ट्रेट ने कहा है कि दीपावली के अवसर पर पटाखे आदि के प्रयोग से वायु एवं ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण के सम्बन्ध में मा0उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन मे पटाखे के फटने के स्थान से 4 मीटर की दूरी तक 125 डी0बी0(ए0आई0) अथवा 145 डी0बी0(सी0) पी0के0 से अधिक ध्वनि तीव्रता उत्पन्न करने वाले पटाखों का उत्पादन एवं विक्रय निषिद्ध रहेगा । कोई भी व्यक्ति प्रातःकाल 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक की अवधि को छोडकर पटाखा/आतिशबाजी का प्रयोग नही करेगा अर्थात रात्रि 10.00 बजे से प्रातःकाल 6.00 बजे तक की अवधि में आतिशबाजी/पटाखों का प्रयोग नही किया जायेगा।
उन्होने बताया कि कोई भी व्यक्ति बिना क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट की अनुज्ञा के आतिशबाजी के फुटकर विक्रय की दुकान 17 अक्टूबर 2017 से पूर्व नही लगायेगा और न ही विक्रय करेगा। अस्थाई आतिशबाजी की दुकानें अनुज्ञा प्राप्ति के बाद 17 व 18 अक्टूबर 2017 को प्रातः 10 बजे से रात्रि 9 बजे तक तथा 19 अक्टूबर 2017 को प्रातः 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक लगाई जायेगी।विदेशी पटाखों का क्रय,विक्रय एवं उपयोग नहीं किया जायेगा। उन्होने कहा कि उन पटाखों को विक्रय नही किया जायेगा,जिसमें एण्टीमनी, लिथियन,मरकरी, आर्सैनिक, लेण्ड और स्ट्रान्सियम क्रोमेड का प्रयोग किया गया है। उन्होने कहा कि शान्त क्षेत्र में किसी भी समय पटाखे नहीं छोडे जायेंगे। अस्पताल, नर्सिंग होम, शिक्षण संस्थान, न्यायालय, विधान सभा भवन क्षेत्र, जी0 पी0 ओ0, प्राणि उद्यान के 200 मीटर की परिधि के परिक्षेत्र में आतिशबाजी का न तो विक्रय करेगा और न ही उसका प्रयोग करेगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति तेज आवाज वाली आतिशबाजी जिसका मानक 125 डेसिबल से अधिक हो, तेज आवाज वाली बडी व खतरनाक आतिशबाजी जैसे राकेट, लडियां, बम, चटाई, क्रैकर, मिसाइल्स आदि न तो उसका विक्रय करेगा और न ही उसका प्रयोग करेगा, अस्थाई फुटकर बिक्री की दुकान निर्धारित स्थलों के अतिरिक्त अन्यत्र नही लगाई जायेगी। उन्होने कहा कि फुटकर विक्रेता आतिशबाजी का बचा हुआ सामान अपने यहां भण्डारण नहीं करेगा बल्कि उसी लाइसेन्सी दुकान को दीपावली के एक दिन बाद वापस कर देगा जिस थोक लाईसेन्सी दुकान से क्रय किया हो। उन्होने कहा कि कोई भी व्यक्ति संकरे क्षेत्र और घनी आबादी के बीच अग्निशमन की दृष्टि से असुरक्षित स्थान तथा अनुज्ञा पत्र में वर्णित क्षेत्र के अतिरिक्त कहीं कोई आतिशबाजी की दुकान नहीं लगायेगा। उन्होने कहा कि कोई भी व्यक्ति अन्य आतिशबाजी जो अपने व्यक्तिगत प्रयोग में लाने हेतु संग्रह करेगा उसकी मात्रा एक किलाग्राम से अधिक नही होगी ऐसा व्यक्ति इस आतिशबाजी का तीन दिन के बाद उपयोग नही करेगा। यह आदेश तत्काल प्रभावी होगा और यदि बीच में वापस न लिया गया तो 21 अक्टूबर 2017 तक प्रभावी रहेगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने इस सम्बन्ध में आयुक्त लखनऊ मण्डल लखनऊ, पुलिस उप महानिरीक्षक लखनऊ,को इस आशय की सूचना से अवगत कराते हुए, नगर आयुक्त नगर निगम, अपर जिलामजिस्ट्रेट नगर पूर्वी, पश्चिमी, टी0जी0, प्रशासन, मुख्य अभियन्ता लेसा, नगर मजिस्ट्रेट, समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट समस्त अपर नगरमजिस्ट्रेट को तथा पुलिस अधीक्षक नगर पूर्वी, पश्चिमी, टी0जी0, ग्रामीण को अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु कहा है।

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