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राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर कार्यशाला संपन्न

लखनऊ।आज राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ कार्यालय के सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन निदेशक संचारी रोग डॉक्टर मिथिलेश चतुर्वेदी ने किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ मिथिलेश चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश में डेंगू के वर्तमान परिदृश्य के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष डेंगू के कारण चुनौतियां काफी अधिक होने की संभावना हैं ।निदेशक संचारी रोग डॉक्टर मिथिलेश चतुर्वेदी ने बताया कि इस वर्ष अब तक प्रदेश में 1 जनवरी 2019 से 15 मई तक कुल 1577 डेंगू संभावित रोगियों की जांच की गई जिनमें से कुल 43 डेंगू धनात्मक पाए गए। जबकि पिछले वर्ष 15 मई तक कुल 99 मामले पाए गए थे ।
अभी तक प्रदेश में एक भी रोगी की मृत्यु डेंगू से नहीं हुई है। प्रदेश में डेंगू की जांच हेतु वर्तमान में कुल 46 सर्विलांस लैब क्रियाशील है, जबकि पिछले वर्ष 37 लैब क्रियाशील थी । कार्यशाला में अपने स्वागत उद्बबोधन में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि डेंगू का कोई उपचार नहीं है, और इससे बचाव ही सर्वोत्तम उपचार है ।उन्होंने बताया कि हर बुखार डेंगू बुखार नहीं होता है। डेंगू एक वायरल बुखार है, जिसके लक्षण अक्समात तेज सिर दर्द बुखार का होना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना ,आंखों के पीछे दर्द होना जो की आंखों को घुमाने से बढ़ता है। जी मिचलाना एवं उल्टी होना है। गंभीर मामलों में नाक मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना इसके प्रमुख लक्षण हैं। हर मच्छर डेंगू फैलाने वाला नहीं होता है ।डेंगू फैलाने वाला मच्छर खड़े हुए साफ पानी में पनपता है। कहीं आपके घर में या आसपास पानी तो जमा नहीं है जैसे कि कूलर, पानी की टंकी ,पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन ,,फ्रिज की ट्रे, फूलदान ,नारियल का खोल ,टूटे हुए बर्तन व टायर इत्यादि ।उन्होंने कहा कि पानी से भरे हुए बर्तन को ढक कर रखें ,कूलर को खाली कर के सुखा दे।डा नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि
यह मच्छर दिन के समय काटता है ,ऐसे कपड़े पहने जो बदन को पूरी तरह ढके। डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है ।बुखार उतारने के लिए पेरासिटामोल ले सकते हैं। एस्प्रिन का इस्तेमाल ना करें। डॉक्टर की सलाह लें। डेंगू के हर रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती। केवल प्लेटलेट्स घटने से डेंगू नहीं होता है ।उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा नोडल ऑफिसर वेक्टर बार्न डिसीज ,लखनऊ डा के पी त्रिपाठी ने लखनऊ में डेंगू के वर्तमान परिदृश्य की चर्चा की ।उन्होंने बताया कि लखनऊ में डेंगू जांच की निशुल्क सुविधा एस जी पी जी आई,के जी एम यू तथा डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान गोमतीनगर की माइक्रो बायोलॉजी लैब तथा regional lab Swasthya Bhawan Lucknow में उपलब्ध है। डेंगू रोगी के इलाज की व्यवस्था समस्त राजकीय स्वास्थ्य केंद्रों में निशुल्क उपलब्ध है ।बुखार आने पर अपने निकट के राजकीय चिकित्सालय में संपर्क करें। कार्यशाला में डॉ विकास सिंघल संयुक्त निदेशक डेंगू ने एपिडेमियोलॉजी ऑफ डेंगू के बारे में व्याख्यान दिया। डॉ रमेश चंद्र सलाहकार भारत सरकार ने डेंगू और पर्यावरण के बारे में चर्चा की। पाथ के डॉक्टर शोएब ने अंतर विभागीय समन्वय पर विस्तार से चर्चा की ।

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