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केजीबीवी व परिषदीय विद्यालयों में छात्र छात्राओं को डेंगू से बचाव की जानकारी

रिपोर्टर संदीप
बलरामपुर 16 मई। डेंगू के मरीज को अचानक से तेज बुखार, घबराहट होना, आंखों के पीछे दर्द शुरू होना, शुरू हो जाता है। इसके बाद धीरे-धीरे मरीज की प्लेटलेट्स कम होने लगती है। इससे उसके नाक और मुंह से खून आना चालू हो जाता है और साथ ही पीठ व भुजाओं पर लाल दाने निकलने लगते हैं। इसके बाद की स्थिति में पल्स रेट बढ़ने लगती है और शरीर में कमजोरी आने के साथ ही अचानक से बेहोशी आने लगती है। इसलिए इस तरह के लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। तुरंत ही चिकित्सक की परामर्श से उपचार शुरू करें।
राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर गुरूवार को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में आयोजित गोष्ठी के दौरान छात्राओं को जानकारी देते हुए यह बातें डा. श्याम जी श्रीवास्तव एफीडेमियोलाजिस्ट ने कही। उन्होने छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया कि गर्मी आते ही मच्छरों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ने लगती है, जिससे बीमारियों की संभावनाएं भी होने लगती है। डेंगू का मच्छर साफ व ठहरे पानी में पनपता है और दिन के समय काटता है। मच्छरों के काटने से बचने हेतु पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें एवं सोते समय मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें। घर और कार्य स्ािल के आस पास पानी न जमा होने दें। कूलर, ड्रम, गमले, पशु पक्षियों के पानी के बर्तन आदि को हर सप्ताह खाली कर सुखाएं। पुराने टायर, प्लास्टिक के कप, बोतलों आदि में पानी इकट्ठा ना होने दें। सुधीर यादव व अमरेंन्द्र सिंह चैहान मलेरिया इंस्पेक्टर ने बताया कि बुखार के समय पानी, नारियल पानी, शिकंजी और तरल पदार्थो का अधिक सेवन करें। तेज बुखार, सिर दर्द, आॅखों के पीछे मांसपेशियों में दर्द तथा थकान होने पर नजदीक स्वास्थ्य केन्द्र में सम्पर्क करें। दर्द निवारक दवाएं बिना चिकित्सकीय सलाह के बिल्कुल ना लें। इस दौरान दिलीप कुमार मिश्रा, अकील खान, युुनीसेफ की बबली जायसवाल, ममता यादव, शशी शुक्ला, सुनीता आदि मौजूद रहे।
परिषदीय विद्यालय सेखुइकलां में राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर खंड शिक्षा अधिकारी मनीराम वर्मा की अध्यक्षता में डेंगू रोग के संक्रमण, लक्षण एवं बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला स्काउट मास्टर महमुदुल हक ने जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू रोग एडीज अजेप्टी नामक मच्छर के काटने से फैलता है जो कि एक वाइरस रोग है। रोग के शुरुआत में सर दर्द, तेज बुखार, शरीर पर लाल दाने, खुजली, उल्टी, आंखों में दर्द आदि लक्षण प्रकट होते हैं। रक्त में प्लेटलेट की मात्रा न्यून होने लगती है जिसके कारण कमजोरी आने लगती है। प्लेटलेट अधिक कमी हो जाने पर गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है यदि सावधानी न बरती जाए तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। उन्होने बताया कि दस बीमारी में तुलसी एवं पपीता का सेवन अधिक से अधिक करना चाहीए। इस अवसर पर शिक्षिका माधुवी सिंह, भाग्यवती देवी, प्रतिमा सिंह, अतिया इरफाना, मोहिनी श्रीवास्ताव, राधेश्याम यादव सहित स्कूल के छात्र छात्राएं भी मौजूद रहें।
डा. घनश्याम सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बच्चों को अभियान के तहत हर रविवार मच्छरों पर वार अभियान से जोड़ा जाता है जिसमें ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इन सरल उपायों के बारे में बताया जाता है वही बच्चे इन उपायों को अपने घर व पड़ोसियों को बताते हैं एवं डेंगू रोग को जड़ से भगाने में भी मदद करते हैं। उन्होने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक, सामुदायिक, नगरीय स्वास्थ्य केन्द्रों जिला अस्पताल, महिला अस्पताल व संयुक्त चिकित्सालय पर डेंगू के नियंत्रण को लेकर गोष्ठी, जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर पम्पेलेट्स का वितरण भी किया गया है।

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