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परिवहन निगम में मृतक आश्रितों का धरना

लखनऊ। मृतक आश्रितों को नौकरी देने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी है। आरोप है कि करीब 1000 मृतक आश्रित को विभाग में नौकरी नहीं मिल रही है।
पिछले 6 साल में 988 लोगों की मौत हुई है लेकिन जगह पर उनके परिवार वाले नौकरी के लिए भटक रहे है। ऐसे में अब नाराज परिवार के लोग एमडी कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि नौकरी नहीं होने से परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब रहती है। आगरा से आए विपिन ने बताया, साल 2021 में 688 लोगों को नौकरी देने से संबंधित सभी कार्रवाई की गई थी। स्थिति यह है कि हमारा मेडिकल, पुलिस वैरिफिकेशन समेत सभी कागजी काम करा लिए गए लेकिन उसके बाद अभी तक नौकरी नहीं मिली। विभाग में मृतक आश्रित की संख्या अब 1000 के करीब पहुंच गई है। उन सभी लोगों को केवल आश्वासन देने का काम किया जा रहा है। कहा कि एमडी कार्यालय पर हमारा धरना चल रहा है। अभी तक कोई बात करने के लिए नहीं आया है। हम एमडी का इंतजार कर रहे है। उनसे बात किए बिना धरना समाप्त नहीं होगा। धरना देने वालों में बड़ी संख्या लड़कियों की है।मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली-1974 के अनुसार होती है। पिछली बार परिवहन विभाग में 6 साल पहले 588 पदों पर भर्ती की गई थी। इसके बाद विभाग डेटा इकट्ठा करता रहा। लेकिन किसी की नियुक्ति नहीं हुई। मृतक आश्रितों की कुल संख्या अब 1000 हो गई है। इनमें ज्यादातर उन ड्राइवर और कंडक्टर के बच्चे हैं जिनकी मौत एक्सीडेंट में हुई है। इनके घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। परिवहन निगम एमडी मासूम अली सरवर का कहना है, इनकी मांग शासन को भेजी गई है। फैसला वहां से आना है। हमारे स्तर पर इनकी मदद नहीं हो सकती है। शासन से जो आदेश आएगा हम उसका पालन करेंगे। परिवहन निगम एमडी मासूम अली सरवर का कहना है कि इनकी मांग शासन को भेजी गई है। फैसला वहां से आना है। हमारे स्तर पर इनकी मदद नहीं हो सकती है। शासन से जो आदेश आएगा हम उसका पालन करेंगे।

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