लखनऊ | कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शहर के विभिन्न गुरुद्वारों में सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी के 549वें जन्मदिवस पर प्रकाश पर्व का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शहर की प्रथम महिला महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने आलमबाग, नाका एवं आशियाना गुरुद्वारे पर मत्था टेककर गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया।श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा नाका, लखनऊ ने नाका स्थित डी०ए०वी० पी०जी० कॉलेज में गुरु पर्व का आयोजन वृहद स्तर पर किया जिसमें उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक, यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ एवं लखनऊ शहर की प्रथम महिला महापौर उपस्थित रहीं। आशियाना गुरुद्वारा में सिख संगत को गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए महापौर ने कहा कि श्री गुरु नानक जी के जन्म के समय समाज घोर गिरावट की ओर था, बाल्यकाल से ही गुरु जी का झुकाव परमात्मा एवं सत्य के प्रति रहा था। एक बार कुछ धर्म गुरुओं ने उनसे योग के बारे में पूछा जिसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि जीवित रहते हुए ही इच्छा विहीन, त्यागी एवं अहम विहीन जीवन जीना ही वास्तविक योग है। श्री गुरु नानक ने धर्म का सच्चा व सही स्वरूप दिखाया एवम सदियों से वैचारिक गुलामी भोग रहे व्यक्तियों को मानवीय स्वतंत्रताF बक संकल्प दिलाया और उन्हें सिर उठाकर जीने की युक्ति प्रदान की। उन्होंने लोगों को समझाया कि गृहस्थ जीवन ही मानव जीवन की भलाई का उचित मार्ग है, सामाजिक जीवन से मुँह मोड़ कर जीवन को उन्नति के पथ पर अग्रसर नहीं किया जा सकता। महापौर ने कहा कि हमारे यशःस्वी प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी ने *करतारपुर कॉरिडोर* की घोषणा कर आज के दिन को और भी स्मरणीय बना दिया है। जहाँ हमारे सिख श्रद्धालुओं को पहले पाकिस्तान में लाहौर जाकर वहां से 120 किलोमीटर की दूरी तय कर गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर पड़ता था अब डेरा बाबा नानक से भारतीय सीमा तक जाने के बाद बगैर वीसा के मात्र चार किलोमीटर की दूरी तय कर करतारपुर गुरुद्वारा में गुरु का आशीर्वाद ले सकेंगे। यह कॉरिडोर माननीय मोदी जी की सबका साथ सबका विकास की नीति में पारदर्शिता को भी प्रदर्शित करता है।
महापौर ने आशियाना गुरुद्वारा में लंगर का भी स्वाद चखा
इस अवसर पर महापौर संग स्थानीय विधायक स्वाति सिंह, सिंधी अकादमी के उपाध्यक्ष नानक चंद लखमानी, गुरुद्वारा से जे एस चड्ढा समेत हज़ारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने संगत में हिस्सा किया।