मधुबन(मऊ)-घाघरा नदी के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव से तटवर्ती इलाकों के छह राजस्व गांवों के हजारों लोगों में खलबली मच गयी है। हालांकि नदी का जलस्तर दो दिनों से स्थिर है। नदी खतरा बिन्दु से 36 सेमी. नीचे बह रही है। नदी जलस्तर की रफ्तार थमने के बाद भी तटवर्ती इलाके के लोगों की परेशानी अभी कम होने का नाम नहीं ले रही है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में पशुओं के चारे का अभाव से पशुपालक की दुश्वारियां बढ़ गई है। मैदानी गांवों से पशुपालक नाव से पशुओं के चारे की व्यवस्था करने में जुट गए हैं। परसियाजयरामगिरी हाहानाला हेड पर खतरा बिन्दु 66.31 मीटर के सापेक्ष में बुधवार की सुबह दस बजे तकनदी का जलस्तर 65.97 मीटर रिकार्ड किया गया था। 24 घंटा बीतने के साथ ही गुरूवार की सुबह आठ बजे 02 सेमी. के घटाव के साथ 65.95 मीटर पर आकर स्थिर हो गया है। घाघरा के जलस्तर के घटाव के बाद भी तटवर्ती इलाके के कई गांवों को बाढ़ के पानी से चारो ओर से घिर गए हैं। इसमें चक्कीमुसाडोही, बिनटोलिया, दुबारी का नंदजी का पुरा, विसुन का पुरा, मोलनापुर आंशिक आदि गांव व पुरवा शामिल हैं। बढ़ाव का सिलसिला नहीं थमा तो उक्त गांवों के लोगों को पलायन के लिए विवश होना पड़ सकता है। बाढ़ से सबसे अधिक तबाही की चिंता देवारा के लोगों की है। उधर तहसील प्रशासन ने बाढ़ आपदा से निबटने के लिए छोटी व बड़ी नावों की व्यवस्था कर बाढ़ चौकियों पर अपने कर्मचारियों की तैनाती कर दिया है। जबकि नाविकों की सूची तैयार की जा रही है। पांच बाढ़ राहत चौकियों में बेलौली सोनबरसा, दुबारी, परसियाजयरामगिरी, सुग्गीचौरी, चक्कीमुसाडोही पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गयी है। इस संदर्भ में उपजिलाधिकारी निरंकार सिंह का कहना है कि बाढ़ आपदा से निबटने व राहत व बचाव के लिए तहसील प्रशासन पूरी तरह कमर कस लिया है। दुबारी ग्राम पंचायत के उधर बाढ़ प्रभावित नंदजी का पुरा, विसुन का पुरा आदि गांव के वाशिन्दों की सुधि ग्राम प्रधान रंजना सिंह ने नाव से जाकर लिया और वहीं लोगों से जिला व तहसील प्रशासन के माध्यम से हर सम्भव मदद दिलाने का आश्वासन दी। वहीं चक्कीमुसाडोही के प्रधान नंदलाल यादव ने पशुओं के चारे लाने के लिए नाव की व्यवस्था करा दिया है।