अम्बिकानन्द त्रिपाठी
अयोध्या। विश्व की प्रसिद्ध धाम अयोध्या में सावन झूला मेला का आयोजन पूरे एक महीने रंगारंग महोत्सव के रुप में मनाया जाता है | भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में सावन झूला महोत्सव का अपना अलग महत्व है क्योंकि सावन का यह महीना भगवान शंकर जी अत्यंत प्रिय महीना है अौर इसी माह में भगवान श्रीराम व सीता जी का पवित्र झूलनोत्सव अयोध्या के प्रत्येक मंदिरों में होता है | सावन झूला मेला एक महीने का होता है लेकिन पूर्ण रूप से झूला मणि पर्वत पर मेले से प्रारम्भ होता है | लेकिन कुछ खास मंदिर है जहां पर विशेष कार्यक्रम अयोजित किया जाता है जिसमें प्रमुख है अयोध्या का प्राचीन प्रसिद्ध मंदिर रामकोट का रंगमहल जहाँ की महिमा अपार है यह एेसा प्रसिद्ध मंदिर है कि यहां साक्षात सीता राम जी के दर्शन होते हैं | खासकर सावन की एकादशी के दिन भगवान श्री युगल सरकार की अद्भुत झांकी सजाई गई जो बुद्धवार 22अगस्त को रात आठ बजे से बारह बजे देर रात तक पूरे रंगारंग कार्यक्रम के साथ सम्पन्न हुआ | मंदिर के महाराज श्री राम शरण दास ,पूजारी राहुल दास, पूजारी साकेत दास जी, ने गलबहिंया के लिए दो घंटे तक युगल सरकार की प्रार्थना किए जिसमें भगवान युगल सरकार अपने साक्षात रुप में होते हैं और सिया राम जी का मिलन होता है उस समय की अलौकिक छवि देखते ही बनती है पूरा वातावरण भावविभोर हो जाता है | झांकी के उपरांत अाए हुए सभी प्रेमियों का स्वागत श्री महाराज जी के द्वारा किया गया जिसमें महाराज जी ने सबको रामनामी देकर व माला पहनाकर स्वागत किया | यह अद्भुत झांकी पूरे अयोध्या में केवल चार सौ वर्ष पहले बने प्रसिद्ध मंदिर रंगमहल मे ही मनायी जाती है | इस झांकी में दूर देश व अयोध्या के संत महन्त उपस्थित रहकर युगल सरकार की गलबहियां झांकी का आनन्द लिया | इस मौके पर उपस्थित अयोध्या के संत महन्त राजकुमार दास जी महाराज अधिकारी श्री राम बल्लभाकुंज, फैजाबाद नाका हनुमान गढ़ी के पूजारी श्री राम दास जी महाराज ,अयोध्या के प्रथम मेयर श्रृषिकेश उपध्याय जी, जिला अधिकारी फैजाबाद डॉ अनिल कुमार पाठक जी ,महन्त बृजमोहन दास जी, महन्त मनमोहन दास जी, भाजपा नेता अभिषेक मिश्र, भाजपा नेता बबलू मिश्र, अयोध्या के प्रसिद्ध वैद्य श्री आर पी पाण्डेय जी, सहित सैकड़ों की संख्या में भक्तों युगल सरकार की अद्भुत झांकी को देखी | महाराज जी ने बताया कि यह अपने आप में अद्वितीय मनमोहक दृश्य है कि इस दिन भगवान की गलबहियां होती है जो सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है|