संदीप
बलरामपुर । भारत नेपाल सीमा से सटे थारू बाहुल्य गांवों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नेशनल मेडिकोज आर्गेनाईजेशन, सीमा जागरण मंच व एकल अभियान के संयुक्त तत्वाधान में गुरू गोरक्षनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा जिले में पहुंची। यात्रा ने तीन दिवसीय शिविर के पहले दिन जिले के दो ब्लाकों के 11 गांवों में निःशुल्क चिकित्सा शिविर के माध्यम से मरीजों की जांच कर दवा का वितरण किया। इस शिविरों में राम मनोहर लोहिया, केजीएमसी, एम्स जैसे उच्च चिकित्सा संस्थान के चिकित्सकों ने गहनता से लोगों की जांच की।
शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने बताया कि चिकित्सा शिविर के पहले दिन टीम ने पचपेड़वा व गैसड़ी के इमिलिया कोडर, कोहरगड्डी, विशुनपुर विश्राम, चन्दनपुर, भुसहर उचवा, डुमरी, मडनी, बिजुवाकलाॅ, नवलगढ़, आनंदमार्ग व बेतहनिया गांव में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। शिविर में सामान्य बीमारियों की जांच कर मरीजों को दवा का वितरण किया गया वहीं गम्भीर मरीजों के मिलने पर उन्हे 8 दिसम्बर को देवीपाटन शक्तिपीठ तुलसीपुर परिसर में 9 से 1 बजे तक आयोजित होने वाले विशाल चिकित्सा शिविर में उच्च स्तरीय जांच के लिए आमंत्रित किया गया। जिसके बाद उनके बीमारी का ठीक ठीक पता लगाकर उच्च चिकित्सकीय संस्थान के लिए रेफर किया जाएगा। सीएमओ ने बताया कि थारू जनजाति में थैलीसीमिया, सिकिलसेल, एनीमिया जैसी बीमारियां अधिक पाई जाती हैं जिसके लिए शिविर में थारू जनजाति के लोगों के आनुवांशिक बीमारियों पर शोध के लिए रक्त के नमूने भी लिए गये। 11 गांवों में आयोजित चिकित्सा शिविर के दौरान करीब 1650 मरीजों का चिकित्सकीय परीक्षण किया गया। चिकित्सा शिविर के दौरान किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी केजीएमयू, राम मनोहर लोहिया संस्थान लखनऊ व अयोध्या मेडिकल कॉलेज, इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक भी मौजूद रहे।
सोनगढ़ा में हुई 135 मरीजों की जांच
-सीडीपीओ गैसड़ी गरिमा श्रीवास्तव ने बताया कि राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय से आये चिकित्सक डा. तारीख नेहाल व सीएचसी गैसड़ी के डा. नित्यानंद व डा. सबूर की टीम ने सोनगढ़ा गांव में 135 मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की। इसमें 38 मरीज गठिया दर्द, 24 मरीज कान संबंधी रोग, 25 पेट संबंधी, 31 चर्म रोग, 2 हाईपर टेंशन, 2 डाईबिटीज, 3 टीबी संदिग्ध और दो कुपोषित बच्चे भी मिले। यहां पर कुल 45 महिला, 52 पुरूष और 38 बच्चों के स्वास्थ्य के परीक्षण के साथ साथ आईसीडीएस विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग भी की गई। इसके अलावा बघेलखंड व बेतहनिया में भी चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया।