अम्बिकानन्द त्रिपाठी
अयोध्या | वामदलों के विभिन्न दलों ने गुलाबबाडी़ से जुलूस निकाल कर आल इंडिया सेण्टरल कौसिंल आफ ट्रेड यूनियन्स का समर्थन किया। वामदलों के नेता केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के मजदूर किसान विरोधी फैसलों के खिलाफ नारा लगा रहे थे। किसानों मजदूरों हल्लाबोल, मजदूर विरोधी यह सरकार नहीं चलेगी, नहीं चलेगी का नारा लगा रहे थे। जुलूस रीड गज, जमुनिया बाग, चौक, रिकाबगंज होते हुए गांधी पार्क पहुँच कर सभा में तब्दील हो गया। भाकपा जिला सचिव रामतीर्थ पाठक, माकपा जिला सचिव माता बदल एवं मजदूर नेता जमुना सिंह के अध्यक्ष मंडल की अध्यक्षता में हुई सभा का संचालन भाकपा माले के नेता राम भरोस ने किया। सभा में बक्ताओ ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार मजदूर किसान नवजवान छात्र विरोधी फैसले कर रहीं हैं। सभा को संबोधित करते हुए भाकपा के राज्य कमेटी के सदस्य अशोक तिवारी ने कहा कि केन्द्र सरकार श्रमिक कानूनों में संसोधनों के माध्यम से उनके अधिकारों में भारी कटौती कर रहीं हैं। इसका श्रमिकों द्वारा चलाए जा रहे संगठनों पर विपरीत प्रभाव पडेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून से श्रमिकों के आन्दोलन में बाधा पैदा होगी और श्रमिक संगठनों की उपयोगिता समाप्त हो जाएगी। शहीद शोध संस्थान के प्रबंध निदेशक एवं भाकपा नेता सूर्य कांत पाण्डेय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकारों ने सभी सार्वजनिक क्षेत्रों को पंगु बनाने तथा लोकतांत्रिक अधिकारों का गला घोटने की गहरी साजिश किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सीबीआई डाएरेक्टर को हटाने के फैसले को निरस्त करके सर्वोच्च न्यायालय ने यह साबित कर दिया कि सरकार गैर कानूनी कार्यों में लिप्त है। उन्होंने सरकार को जनविरोधी करार देते हुए इसके खिलाफ लामबंद होने की अपील किया।भाकपा माले के नेता के जिला संयोजक अतीक अहमद ने सभा में आरोप लगाया कि सरकार देश में आपातकाल की स्थिति पैदा करना चाहती है। देश भर में भीड़ की हिंसा का माहौल सरकारी दल द्वारा चलाए जा रहे अनेकों साम्प्रदायिक कार्यक्रम की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जुमले बाजी के आधार पर लोगों में नफरत पैदा करने, बेरोजगारी बढा़ने, उद्योग पतियों की तरह तरह से मदद करके श्रमिकों और नवजवानों को उनके अधिकारों से वंचित कर रहीं हैं।
सभा को अखिलेश चतुर्वेदी ,उमा कांत विश्वकर्मा, सम्पूर्णानन्द बागी, सहोदरा चौहान, राम जी राम यादव, मायाराम वर्मा, राम सिह, सुरेश यादव, पप्पू सोनकर, बद्री प्रसाद यादव, अमर नाथ उपाध्याय, अयोध्या प्रसाद तिवारी, रामकृष्ण, राजकपूर, देवेश ध्यानी, संजीत कुमार, लक्ष्मन, ओमप्रकाश यादव, विपत राम, विनीत कनौजिया, अजीज उल्ला अंसारी आदि शामिल रहे एवं संबोधित किया।