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कानपुर नगर में राम लला प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की मचने लगी धूम

नगर वासियों में बढता जा रहा उत्साह, सभी अपने यथाशक्ति से करेंगे श्रीराम के आगमन का स्वागत
कानपुर नगर। आयोध्या में श्रीराम लला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में मात्र अब 5 दिन बचे है। इस क्षण का पूरा कानपुर या उत्तर प्रदेश ही नही अपितु पूरा देश वर्षो से बाट जोह रहा था। 500 वर्ष का कडा संघष और कई अनमोल जीवन का बलिदान उसके बाद मिली सफलता के इस बडे और भव्य महोत्सव का हर व्यक्ति अंग बनना चाह रहा है। शहर में चारों ओर ऐसी तैयारियां की जा रही है, लोगों में ऐसा उत्साह है जैसे वह अपना र्सवस्व श्रीराम के लिए न्यौछावर करना चाह रहे है और इसके लिए लोग अपने अपने यथासार्मथ अनुसार तैयारियों में लगे है। 22 जनवरी को जो कानपुर में होगा वह एक इतिहास बन जायेगा और वर्षोवर्ष लोग इस दिन को भूल नही पायेंगे। एक बार फिर कानपुर सहित संपूर्ण भारत भूमि पर दीपावली मनायी जायेगी। एक ओर जहां बाजारो में पूजा,झंडा सहित अन्य सामग्रियों की बिक्री तेज हो गयी है तो वहीं मिठाई की दुकानों पर बडे आर्डर बुक किए गये है। कानपुर के सभी व्यापारियों के चेहरो में एक चमक देखी जा सकती है। इस महोत्सव का प्रभाव छोटे से लेकर बडे व्यापार तक पडेगा। माना जा रहा है कि महोत्सव से पूर्व तथा उस दिन तक कई सौ करोड का व्यापार होगा।
राम हिन्दुत्व की प्राण चेतना है और यह उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब 500 वर्षो के कडे संघर्ष हमने इसे प्राप्त किया हो। कानपुर में आम जनमानस में राम लला प्राण प्रतिष्ठा समरोह को लेकर गजब का उत्साह है। लोग अपने अपने स्तर से तैयारियां कर रहे है तो पुलिस प्रशासन भी 22 जनवरी को लेकर सजग है। हर तरफ उल्लास का वातावरण बन हुआ है। आईये हम जानते है कि किस प्रकार की तैयारियां की जा रही है।
मंदिरांे की रंगाई-पुताई के साथ की जा रही सजावट राम लला महोत्सव से पूर्व होने वाली तैयारियों में कानपुर के मुख्य मंदिरों के साथ ही लगभग सभी मंदिरो, यहां तक कि मोहल्लो और गलियों के मंदिरों में भी स्थानीय लोगों द्वारा साफ-सफाई कराकर रंग-रोगन किया जा रहा है। कई मंदिरों को सजाया भी जा चुका है, जबकि कई मंदिरों में सजावट का काम किया जा रहा है। कई मंदिरों के पुजारियों का कहना है कि हमे इस जीवन का सबसे बडा उपहार मिल रहा है ऐसे में हम इस क्षण को विशेष बनाना चाहते है। कई मंदिरों में एक दिन पहले से रामायण का पाठ किया जायेगा तो कई स्थानों पर सुंदरकाण्ड तथा भजनो के आयोजन के साथ भण्डारे, प्रसाद वितरण का आयोजन किया जायेगा। फूल व्यापारी बडे पैमाने पर करेंगे फूलों की बिक्री, समावट के लिए कारीगरों को किया गया बुक
कानपुर शिवाला स्थित कैलाश मंदिर फूलमंडी के अशोक सैनी ने बताया कि यू ंतो त्योहारो और वैवाहिक महीनों में फूल की खासी बिक्री होती है लेकिन 22 जनवरी को जब शादी सहालग भी होगी और श्रीराम माहोत्सव भी होगा ऐसे में फूलों की बहुत मांग बढ गयी है। 15 दिन पहले से शहर के बडे मंदिरों को सजाने के लिए फूलों की बुकिंग की जा चुकी है, शहर के प्रत्येक मोहल्लो से छोटे फूल विक्रेताओं के बडे-बडे ऑर्डर कर रखे है। हर प्रकार के फूलों की मांग की जा रही है। शहर में जितनी भी फूल मंडिया है सभी में यही हाल है। दूसरी तरफ सजावट करने वाले कारीगरो को भी पहले से बुक कर लिया गया है। अशोक सैनी ने बताया कि चूंकि उनका फूलो का व्यवसाय है ऐसे में पूजा-पाठ से सम्बन्धित लगभग सभी लोग उनसे जुडे है। शहर में शाहद ही ऐसी कोई भजन कीर्तन मण्डली हो जो 22 जनवरी के लिए बुक न हो। हम एक बडे और ऐतिहासिक महोत्सव के लिए तैयार है।
हलवाईयों की दुकानों में होने लगी एडवांस बुकिंग
श्री रामलाल महोत्व को लेकर शहर का उत्साह चरम पर है। शहर के कई हलवाईयों से बात करने पर बताया गया कि हमारे यहां 10 दिन पहले से 22 जनवरी को होने वाले महोत्सव के लिए विभिन्न प्रकार की मिठाईयों को बुक कर लिया गया है, विशेष रूप से लडडू की डिमांड अधिक है। कई क्षेत्रों के हलवाईयों ने बताया कि उन्हे दिनरात मेहनत करनी पडेगी तब जाकर आर्डर पूरा हो पायेगा। एक तरफ जब सहालग भी चल रही है ऐसे में कारीगरों की कमी भी महसूस हो रही है साथ ही इसनी बडी मात्रा में मावा की खपत किस प्रकार पूरी होगी यह कहा नही जा सकता है। हलवाईयों ने बताया कि हमारा पूरा ध्यान लडडू की तरफ है क्यों कि लडडुओ का बडा आर्डर लगभग सभी हलवाईयों के पास है। शिवाला के ही एक हलवाई राजाराम ने बताया कि उनके यहां से कई कारीगरों को लोगों द्वारा बुक किया जा चुका है।
फल विक्रेताओं के भी खिले चेहरे
फूलबाग फलमण्डी के फल विक्रेता ओम पहाडी ने बताया कि सर्दी के सीजन में फलों की बिक्री हमेशा कम ही हो जाती है। हम लोग अधिक सर्दी पडने पर कम फर मंगाते है। सहालग में फलों में उछाल आता है लेकिन श्री राम लला महोत्सव को लेकर फल व्यापारियों में भी बडा उत्साह है और फलो की डिमांड मंे भारी उछाल आई है। उन्होने बताया कि पूर्व से ही हर प्रकार के फलों की बुकिंग की जा रही है। बडी मण्डी में भी हम लोगों द्वारा पहले से फलों के लिए कहा जा चुका है। मौसम के कारण बाहर से फल समय पर नही आ पा रहे है, ऐसे में कानपुर के आस-पास के किसानों से बडा सहारा मिलेगा।
पूजन सामंग्री का बाजार सबसे गर्म
22 जनवरी हो होने वाले भव्य रामलला महोत्सव को लेकर यू ंतो बडी तैयारियां की जा रही है लेकिन सबसे अधिक पूजन साम्रगी का बाजार गर्म है। दिया, रूई, कपूर, धूपबत्ती, हवन सामग्री, बताशे, लौंग, इलाइची, सिंदूर, आम की लकडी, जनेऊ आदि की ब्रिकी में गजब की उछाल आई है और अभी से लोग इन सामानो को खरीद रहे है। शिवाला के ही एक पूजन प्रतिष्ठान के स्वामी ने बताया कि यहां तक शिवाला क्षेत्र में भगवान के सिंहासन बेचने वालों की दुकाने में सभी साइजों के सिंहासन अच्छी तादात में बिक रहे है तो वहीं श्री राम-लक्ष्मण और माता सीता के कैलेण्डर तथा उनकी मूर्ति की डिमांड काफी बढती जा रही है। उन्होने बताया कि ऐसा लग रहा है कि मानो पूरा शहर श्रीराम के आगमन की तैयारियों में जुडा है।
भगवा तथा श्रीराम और हनुमान के झंडो की बिक्री तेज
इन सबके बीच जो सामग्री सबसे अधिक बिक रही है और अब बाजारों में बडी मुश्किल से और मंहगी मिल रही है वह है झंडा। महोत्सव से पहले बाजारों से बडी मात्रा में भगवा, श्रीराम और हनुमान छपा झण्डा तेजी से बिक रहा है, बडे व्यापरियों के पास स्टॉक समाप्त हो चुका है। कारीगर इतनी तेजी से माल तैयार नही कर पा रहे है, जितनी तेजी से डिमांड की जा रही है। छोटे से लेकर बडे झंडे सभी की अधिक से अधिक डिमांड है साथ ही श्रीराम छपी हुई टोपियां भी खूब बिक रही है और भी श्रीराम, हुमान से जुडी नई नई डिजाइन की सामग्री बाजार में आ गयी है जो लोगों को खूब भा रही है। झण्डा विक्रेता अनूप तिवारी ने बताया कि ऐसा उत्सव मै अपने जीवन में शायद पहली बार देख रहा है जब मेेरें यहां से झंडो की इतनी सेल हो रही है उन्होने बताया कि प्रभु श्रीराम के बैज बाजार में पहली पसंद बने हुए है। भगवान के वस्त्र, उनके श्रृंगार का सामान बाहर से मंगाया जा रह है। बताया कि बैज में श्रीरामा का फोटो लगा है और एक बैज कपडे का है जबकि दूसरे के बीच में प्लास्टिक लगाई गयी है तथा उसे सुन्दर प्रकार से सजाया गया है। बैज के आर्डन को व्यापारी पूरा नही कर पा रहे है।
नगर वासियों में है गजब का उत्साह
वह बूढा हो या जवान या फिर बच्चा, पुरूष हो या महिला सभी पर राम महोत्सव की उमंग का रंग चढता जा रहा है। कई लोगों से बात-चीत करने पर पता चला कि एक आम व्यक्ति का ह्रदय कितना गदगद है। बर्रा निवासी प्रवीर भटाचार्य ने बताया कि उन्हे जब राम जी के न्यौते के रूप में चावल मिला तो उन्हे लगा कि उनका जीवन धन्य हो गया। बताया कि उन्हे परिवार के प्रत्येक व्यक्ति की आंखों से आंसू छलक आये और ऐसा लगा कि मेरे प्रभु श्रीराम चलकर मेरे घर आये है। मैं आयोध्या तो नही जा सकता लेकिन अपने घर और अपने मोहल्ले को आयोध्या जैसा सजाने में पीछें नही रहूंगा और लगभग इसी प्रकार का कथन सभी शहर वासियों का है। एक बडी तैयारी की जा रही है, हम देखेंगे कि यह दिन जहां विश्व पटल पर चमकेगा तो सदियां इस दिन और इस पर्व को भुला नही पायेंगी। कुछ बुजुर्गो ने यहां तक कहा कि शरीर से तो हम कोई सहायता नही कर सकते लेकिन मेरे पास जो भी है वह सब श्रीराम का है और उनकी ही सेवा तैयारियों में अपर्ण किया जायेगा। आप समझ सकते है कि लोगों के मनो में कितना उत्साह है, कितना उमंग है, बस अब प्रतीक्षा है उस क्षण की जब आयोध्याजी में श्री रामलला विराजमान होंगे।

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