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राम मंदिर के डिजाइन में चेंज, राफ्ट में नौ मीटर चौड़े होंगे ब्लॉक।

अंबिका नंद त्रिपाठी

अयोध्या |राम का भव्य मंदिर इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है, इसका जीर्णोधार कार्य भी काफी जोर शोर से चल रहा है। इस कड़ी में हाल ही दिल्ली में हुई बैठक में मंदिर निर्माण के डिजाइन कार्य को लेकर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। 14 नवम्बर को हुई बैठक में मंदिर के बुनियाद के बाद बनाई जा रही राफ्ट को लेकर मंथन हुआ 27 मीटर का 17 ब्लॉक राफ्ट का बनाया जा रहा था, जिसके निर्माण लिए तापमान 23 डिग्री सेंटीग्रेड चाहिए था, लगभग 12 ब्लॉक का निर्माण भी हो चुका था, लेकिन ढलाई में बर्फ के पानी और बर्फ का इस्तेमाल करने के बावजूद राफ्ट की सीलिंग में दरार नजर आने लगी जिसके बाद कार्यरत संस्था लार्सन एंड टूब्रो ने काम रोक करके दूसरे तकनीक का इस्तेमाल किया. अब राफ्ट के 30 ब्लॉक बनाए जाएंगे इन की चौड़ाई 9 मीटर होगी और तापमान को भी मेंटेन करने के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल किया जाएगा। डिजाइन को लेकर हो रहे बदलाव के कारण जीर्णोधार कार्य में देरी हो रही है। बताया जा रहा है कि काम की गति धीमी होने के कारण जो राफ्टिंग का काम 15 नवंबर तक पूरा होना था. अब वह दिसंबर माह में पूरा होगा जिसके बाद पलिंथ निर्माण का काम शुरू किया जाएगा। राम जन्मभूमि परिसर में सीता कूप है जिसके जल की धार्मिक मान्यताएं हैं, और उन मान्यताओं के आधार पर अयोध्या और अयोध्या के आसपास के सनातन धर्म के लोग पूजन में सीता कूप के जल का इस्तेमाल करते हैं।1992 में बाबरी विध्वंस के बाद सीता कूप का अस्तित्व खतरे में आ गया था, जिसके बाद अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र इस पौराणिक कुप का भी सौंदर्य करण करा रहा है। सीता कूप का निर्माण हो रहा है जहां से लोग धार्मिक अनुष्ठान के लिए जल प्राप्त कर पाएंगे।

राम मंदिर ट्रस्ट ने 2023 दिसंबर तक मंदिर के निर्माण की बात कही है उनका दावा है कि 2023 में रामलला भव्य मंदिर में बैठकर दर्शन देंगे मंदिर निर्माण की गति तेजी से चल रही थी, लेकिन मंदिर की आयु को लेकर ट्रस्ट संवेदनशील है ट्रस्ट की मंशा है कि 1000 वर्षों तक यह मंदिर सुरक्षित रहे इस लिहाज से मंदिर के निर्माण में तमाम वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि सूत्रों की माने तो भगवान राम के भव्य मंदिर में लगने वाले हर कमरे पर 16 मूर्तियों को उकेरा जाएगा खंभों पर देवी देवता ऋषि मुनियों की तस्वीरें बनाएंगे 2500 वर्ग फीट के परकोटे में रामायण से जुड़े हुए 100 प्रसंगों को भी उकेरा जाएगा. राम मंदिर के नींव के ऊपर बन रहे राफ्ट के 17 खानों में से 12 खानों का निर्माण हो चुका है. अब बनने वाले खानों की शेष सतह के आकार को बदल दिया गया है. यह निर्णय राफ्ट निर्माण में लगने वाले मसाले को मिलाने के बाद उसके तापमान को 23 डिग्री सेल्सियस ना मिल पाने के कारण लिया गया है. बताया जा रहा है कि बाहरी तापमान अनुकूल हो चुका है, लेकिन मसाले के निर्माण के दौरान बड़े तापमान को अनुकूल कर पाना मसाले की ढलाई में समस्या के बाद 27मी में बनने वाले ब्लाक को घटाकर 9 मीटर कर दी गई है.

राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पत राय ने कहा की राम जन्मभूमि परिसर में पौराणिक कुंआ है. अयोध्या की जनता धार्मिक अनुष्ठान में उसके जल का उपयोग करते हैं प्राचीन सीताकूप का संरक्षण किया जा रहा है. ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि पलिंथ का निर्माण अभी शुरू नही हुआ है, हो सकता है कि दिसंबर से पलिंथ निर्माण का कार्य शुरू हो राफ्ट निर्माण का एक तिहायी कार्य लगभग पूरा हो चुका है. राष्ट्र निर्माण के लिए क्षेत्रफल नहीं बढ़ाया गया जितना बड़ा टुकड़ा 1 दिन में ढाला जाता था वह अब कम ढाला जाएगा पहले 27 मीटर चौडा ब्लाक ढाला जाता था. अब उसका घटा करके 9 मीटर कर दिया गया है अब राफ्ट में 17 ब्लाक की बजाय 30 ब्लाक बनाएं जाएंगे।

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