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पानी की किल्लत से जूझने लगा शहर

कानपुर नगर | अप्रैल का महीना समाप्ति पर है और अभी मई और जून की भीषण तपिश की गर्मी बांकी है, साथ ही शहर में पेयजल की समस्या भी बढती जा रही है। आधा शहर वर्तमान में पानी की समस्या से जूझने लगा है। कहीं नलों में पानी नही तो कहीं प्रेशर नही तो कहीं गंदा और बदबूदार पानी। ऐसे में गर्मी किस प्रकार बीतेगी इसका अंदाजा भी नही लगाया जा सकता है। नौ साल बीत रहे है और अभी तक जवाहरलाल नेहरू अरबन रिन्यूबल मिशन की पेयजल योजना शुरू नही हो सकी है जिसका सीधा असर शहरवासियों को की जाने वाले जलापूर्पि पर पड रहा है। भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी इस योजना को कब पूरा किया जायेगा यह भी कहा नही जा सकता है। फिलहाल हर बार दांवे किये जाते है और समय निर्धारित होता है लेकिन अभी हकीकत यह है कि सुगमता जलापूर्ति दूर की कौडी नजर आ रही है। जेआरयूएन योजना के तहत शहर में पाईपलाइन डालने का काम पिछले नौ सालों से जारी है जो भ्रष्टाचारी अधिकारियो की नाकामियों की भेंट चढ चुकी है। मौजूदा हालत यह कि इस गर्मी में हर घर पानी पहुंचने की उम्मीद धूूमिल होती जा रही है। टेस्टिंग के दौरान पाइप फटने में एक जगह पाइप ठीक किये जाते है तो दूसरी जगह पाइप फट जाते है। बैराज में शुरू की गयी टेस्टिंग भी फेल होती जा रही है, वहीं घरों तक पानी पहुंचाने वाले नीले रबर के पाइपो की टेस्टिंग भी नही हो रही है। कुछ दिन पहले  कई इलाकों में लीकेज ठीक करके जलापूर्ति शुरू की गयी थी तो बृजेन्द्र स्वरूप पार्क, साकेत नगर और साइड नं0 वन किदवईनगर में लीकेज हो गया था। अभी भी मुख्य पाइप लाइनों की भी टेस्टिंग नही हो पा रही है। ऐसे में घरों तक सलीके से पानी कब पहुंचेगा अधिकारी भी यह नही बता पा रहें है। महाप्रंबधक जलकल का कहना है कि शहरियों को किसी प्रकार की जलापूर्ति में परेशानी न हो इसकी पूरी कोशिश की जा रही है साथ ही जोनवार टीमो का गठन हो गया है, टैंकों को भी ठीक करा लिया गया है। जलकल अपने स्रोतो से पानी मुहैया कराने की पूरी कोशिश कर रहा है।

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