अलीगढ़। डा रूहा शादाब, संस्थापक सीईओ, लेडबी फाउंडेशन ने जटिल सामाजिक चुनौतियों पर चर्चा की और बताया कि कैसे सामाजिक उद्यमी तेजी से विविध और एक दुसरे पर निर्भर दुनिया में आवश्यक कौशल और स्वभाव विकसित करने में लोगों की मदद करने के लिए नेतृत्व के अंतराल को भरने में मदद कर सकते हैं।
वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के फ्रैंक एंड डेबी इस्लाम एंटरप्रेन्योरशिप इनक्यूबेशन सेंटर (एफडीआईईआईसी) में ‘पेशेवर विकास और सामाजिक उद्यमिता‘ विषय पर आयोजित कार्यशाला के रिसोर्स पर्सन के रूप में बोल रही थीं। कार्यक्रम का आयोजन (एफडीआईईआईसी) ने लेडबाई फाउंडेशन के सहयोग से किया।
डा रुहा ने एक सामाजिक उद्यमी के रूप में अपनी यात्रा के उपाख्यानों को साझा किया और बताया कि कैसे उनकी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की शिक्षा और नीति आयोग, क्लिंटन हेल्थ इनिशिएटिव और गेट्स फाउंडेशन में प्राप्त अनुभव ने उन्हें सामाजिक उद्यमिता का नेतृत्व करने के लिए उपकरण प्रदान किए। उन्होंने छात्राओं से उपयोगी योगदान करने के बारे में सोचने का आग्रह किया और पेशेवर कौशल को सुधारने के लिए उन्हें एलईडीबी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि पेशेवर प्रशिक्षण और सलाह की मदद से वंचित वर्गों की महिलाएं अगली पीढ़ी की महिला परिवर्तनकर्ता बन सकती हैं। डा अहमद फराज खान ने सत्र के प्रमुख बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत किया और समस्या वाले मुद्दों को जल्दी और स्पष्ट रूप से समझने के लिए सुझाव दिया। उन्होंने कार्यशाला में भाग लेने वाली छात्राओं से मेंटर्स की सलाह के साथ अपनी रूचि और क्षमता वाले क्षेत्रों का पता लगाने का आग्रह किया। स्वागत भाषण में, मोहम्मद माज हुसैन (इनक्यूबेशन मैनेजर, एफडीआईईआईसी) ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को बढ़ाना और उन्हें प्रशिक्षण और नेटवर्किंग के लिए एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने औपचारिक कार्यबल, शिक्षा और व्यवसाय में भारतीय मुस्लिम महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने पर ध्यान देने का आह्वान किया। बाद में माज हुसैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।