लखनऊ। नोटबंदी के विरोध में आयोजित अखिल भारतीय काला दिवस के अवसर पर आज उत्तर प्रदेश में काला दिवस मनाया गया। जनता दल (यूनाइटेड) और वामपंथी दलों द्वारा सुयक्त रूप से राष्ट्रपति को सम्बोधित एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा गया।ज्ञापन में राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि जैसा कि आपको निवेदन के साथ अवगत कराना है कि बी0जे0पी0 की अगुवाई वाली एन.डी.ए. सरकार ने 08 नवम्बर 2016 को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए 500 तथा 1000 के नोटों को चलन से बाहर करने का फरमान सुनाया था। घोषणा करते हुए भारत के प्रधानमंत्री ने तीन उद्देश्यों का उल्लेख किया था कि इससे देश में काला धन नष्ट होगा, आतंकवादी आर्थिक रूप से असहाय हो जायेगें तथा देश में नकली नोटों का कारोबार बंद हो जायेगा। देश भर में लोगों का मानना है कि इससे कोई उद्देश्य हासिल नहीं हुआ, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लगा है। विमुद्रीकरण की वजह से देश के प्रत्येक नागरिक को भारी कष्ट का सामना करना पड़ा। किसानों से लेकर असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 90 फीसदी मजदूरों को इस फैसले से खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सर्वेक्षण से पता चला है कि 2016-17 के इस सबसे बड़े आर्थिक फैसले ने अर्थव्यवस्था के प्रमुख भागों को गम्भीर रूप से चोट पहुंचायी है।
काम करने के बजाय लोग बैंक के आगे कतार में खड़े हो रहे। भीषण सर्दी के महीने में लोग कतारबद्ध रहे और रात के दौरान भी बैंकों के बाहर लाइन में कम्बल घर से ले जाकर वहीं सोते थे। इस दौरान कई लोगों ने अपनी जान भी गवांई। कई लोगों से उनका काम छिन गया और मजबूरन उन्हें अपने गांव का रूख करना पड़ा। सरकार ने इस क्रम में अतिरिक्त व्यय किया था और इस प्रक्रिया में 55,000 करोड़ रूपये खर्च हुए। जो पैसे बर्बाद हुए उसका उपयोग देश में गरीब लोगों के लिए किया जा सकता था। कई छोटे और कुटीर कारोबार बंद हुए, जिनका प्रभाव दलितों पर पड़ा एवं उत्पादन तथा देश में करोड़ों लोगों का रोजगार भी प्रभावित हुआ। सरकार गैर-योजनाबद्ध, और अपरिपक्व निर्णय के कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर में 5.7 प्रतिशत की गिरावट आई है जो कि तीन साल में सबसे कम है। चूंकि सरकार के इस निर्णय के कारण देश का हर नागरिक विभिन्न तरीकों से परेशन रहा और अब भी समस्या का समाधान नहीं निकला है। प्रतिनिधि मण्डल में जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय सचिव जुबैर अहमद, लोलारख उपाध्याय प्रदेश महासचिव जनता दल (यूनाइटेड), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव डा0 हीरालाल यादव, राज्य सचिव मण्डल सदस्य बी0एल0 भारती, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा0 गिरीश, शामिल रहे।