संवाददाता राज इटौंजा
लखनऊ। लखनऊ संगठन मंत्री ने कहा की हमें यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि आए दिन पत्रकारों के ऊपर हो रहे हमले और झूठे मुकदमे लगातार उत्तर प्रदेश में बढ़ते जा रहे हैं पत्रकार दिन रात एक करके ग्राम,मोहल्ला,शहर,प्रदेश की खबरें लोगों तक पहुंचाते हैं और जो भी सच्चाई होती है वह जनता तक पहुंचाती है “चाहे वह क्राइम की हो या प्रशासन की चूक की हो या माफियाओं का खौफ की हो या अपराधियों के हौसले बुलंद होने की हो” तमाम कई प्रकार के खबरें जनता तक पहुंचाते हैं क्या कभी आपने यह सोचा है कि अगर पत्रकार 1 दिन भी पत्रकारिता करने ना निकले तो क्या होगा क्या सच्चाई अब तक पहुंच पाएगी यह जो भी अपराध शहर प्रदेश में हो रहे हैं क्या उसकी खबर आप तक पहुंच पाएगी नहीं पहुंच पाएगी लेकिन हमारी उत्तर प्रदेश सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई भी नियम कानून नहीं बना रही है जिससे पत्रकार सुरक्षित रह सकें
उदाहरण के तौर पर “चाहे वह उन्नाव का मामला हो चाहे वह गाजियाबाद का मामला हो चाहे वह बलिया का मामला हो चाहे वह पारा क्षेत्र का मामला हो” अभी ताजा ही मामला पारा क्षेत्र का है पारा क्षेत्र के पत्रकार अकाश गुप्ता लॉकडाउन के दौरान खोली दुकान की फोटोग्राफ ले रहे थे उसी दौरान दुकानदारों ने मिलकर पत्रकार को भद्दी भद्दी गालियां दी और जान से मारने की धमकी देने लगे
‘अब आगे क्या होता है या तो अब सभी जानते हैं ‘ पत्रकार अकाश गुप्ता पारा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थाने में एफ आई आर दर्ज कराते हैं जिसमें पुलिस द्वारा 504 506 पर मुकदमा पंजीकृत किया जाता है और कुछ क्षण बीत जाने के बाद आरोपी को रेस्ट भी किया जाता है ‘लेकिन कुछ क्षण बीत जाने के बाद अपराधी की जमानत हो जाती है ‘उसके बाद फिर अपराधी द्वारा पत्रकार अकाश गुप्ता को जान से मारने की धमकी देना शुरू हो जाती है जब पत्रकार भाई पुलिस प्रशासन से कहते हैं की महोदय अपराधी द्वारा हमको जान से मारने की धमकी दी जा रही है तो पुलिस प्रशासन द्वारा जवाब आता है कि हमने तो आप के कहने पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और कार्यवाही चल रही है इसके आगे हम कुछ नहीं कर सकते
“अब आगे कार्रवाई होगी कब होगी कब साबित होगा कि अपराधी ने पत्रकार को मारने की धमकी दी है कि नहीं अपराधी खुलेआम बाहर घूम रहे हैं आखिर पत्रकार अकाश गुप्ता कैसे सुरक्षित हैं और अगर इनको कुछ होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ‘अब मैं आपको बताता हूं की जिम्मेदार कौन होगा’ हमारे प्रदेश की कानून व्यवस्था इतनी ढीली है की जब तक अपराध होगा नहीं तब तक पुलिस एक्शन नहीं लेती या जब तक ऊपर से आला अधिकारियों का प्रेसर नहीं पड़ता तब तक पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती है आपको यह भी बताना चाहेंगे कि हमारे प्रदेश को छोड़कर अन्य प्रदेशों में जैसे कि “महाराष्ट्र में पत्रकार को लेकर नया नियम काफी पहले बनाया जा चुका है महाराष्ट्र के नियम पत्रकार को लेकर यह है कि अगर किसी पत्रकार के ऊपर कोई जानलेवा हमला करता है तो उस अपराधी को 3 साल की सजा और 50,000 का जुर्माना और 6 महीने तक जमानत ना मिलने का प्रावधान है”
लेकिन हमारे उत्तर प्रदेश में ऐसा कोई नियम कानून नहीं बना है जो पत्रकारों की सुरक्षा कर सकें आखिरकार पत्रकार पत्रकारिता इसके भरोसे करेंगे
और मैं सरकार से यह भी कहना चाहूंगा कि आप पत्रकार के लिए कोई नियम कानून बनाएं या ना बनाएं चाहे कोई एक्शन ले या ना ले कोई सुरक्षा पत्रकार को दे या ना दे
और मैं अपने प्रदेश कि सरकार से कहना चाहूंगा की लेकिन पत्रकार सच्चाई दिखाना नहीं बंद करेंगे जो भी सच्चाई होगी जनता के बीच दिखाई जाएगी फिर चाहे वह सच्चाई पत्रकार को अपने जान गवा कर दिखानी पड़े पर पत्रकार दिखाएंगे और हम अपनी उत्तर प्रदेश सरकार से यह भी कहना चाहेंगे कि अगर जल्दी पत्रकार को लेकर कोई नियम कानून और या कोई सुरक्षा नहीं मुहैया कराई गई तो जल्दी ही जो भी आए दिन घटनाएं पत्रकार के ऊपर हो रही हैं उसको देखते हुए हम पत्रकार भाई मिलकर एक आंदोलन शुरू करेंगे और अपनी मांगे सरकार के सामने रखेंगे और सरकार को वहां मांगे माननी पड़ेगी
धन्यवाद
जय हिंद,जय भारत