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एनटीपीसी-विंध्याचल में राजभाषा पखवाड़ा, 2022 का विधिवत शुभारंभ

जिला सिंगरौली मध्य प्रदेश। एनटीपीसी-विंध्याचल में राजभाषा पखवाड़ा, 2022 का उद्घाटन प्रशासनिक भवन के प्रथम तल सभागार में किया गया। राजभाषा अनुभाग द्वारा दिनांक 14 सितंबर से 29 सितंबर, 2022 तक राजभाषा पखवाड़ा, 2022 का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कर्मचारियों, गृहणियों, स्कूली बच्चों, संविदकर्मियों एवं नगरवासियों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन शामिल है कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुये दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। तत्पश्चात एनटीपीसी गीत गाकर कार्यक्रम को गति प्रदान की गई। इस अवसर पर परियोजना प्रमुख विंध्याचल सुभाष चन्द्र नायक के साथ-साथ सभी महाप्रबंधकगण, विभागाध्यक्ष, राजभाषा विभागीय प्रतिनिधि एवं यूनियन एवं एसोसिएशन पदाधिकारीगण सम्मिलित हुये। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में विभागाध्यक्ष हिन्दी सरस्वती शिशु मंदिर विंध्यनगर संगम श्रीवास्तव उपस्थित रही महाप्रबंधक मा.सं. प्रबीर कुमार बिस्वास ने कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि एवं विशेष अतिथि वक्ता एवं सभी अतिथियों का स्वागत करते हुये कहा कि 14 सितंबर 1949 के दिन संविधान सभा ने हिंदी को भारत संघ की राजभाषा का दर्जा दिये जाने का निर्णय लिया था। साथ-ही यह संकल्प भी लिया गया था कि संघ सरकार राजभाषा हिंदी के प्रयोग की दिशा में क्रमिक विकास के लिये प्रयासरत रहेगी। उन्होनें परियोजना में पखवाड़े के दौरान आयोजित होने वाली राजभाषा प्रतियोगिताओं में सभी को अधिकाधिक मात्र में भाग लेने हेतु प्रेरित किया तत्पश्चात श्रीमती संगम नें सभागार में उपस्थित जनों को करते हुए राजभाषा हिन्दी के महत्व एवं उसके विकास पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होनें कहा कि सम्पूर्ण राष्ट्र को एकसूत्र में पिरोने की जो क्षमता हिन्दी में है, वही हिन्दी की विशेषता है। उन्होने हिंदी के इतिहास से लेकर उसके वर्तमान प्रयोग तक की जानकारी दी। संगम ने कहा कि हमारे सभी समाज-सुधारकों ने भी इस बात पर विशेष ज़ोर दिया है कि भारत को एकता के सूत्र में पिरोने की क्षमता हिन्दी भाषा में ही है । हिन्दी बड़ी ही लचीली एवं एकात्म करने वाली भाषा है अर्थात हिन्दी ने किसी भी भाषा के शब्द का विरोध नहीं किया है । इसमें उर्दू, अरबी, फारसी, रूसी, चीनी, इंग्लिश के साथ-साथ भारतीय भाषाओं-बंगाली, गुजराती और अनेक प्रादेशिक भाषाओं के शब्द कुछ इस तरह से एकाकार हो गए हैं कि उन्हें हिन्दी से अलग करना कठिन है । हिन्दी की इन्हीं विशेषताओं के कारण हमारे संविधान निर्माताओं ने 14 सितंबर, 1949 को इसे भारत संघ की राजभाषा का दर्जा दिया इस अवसर पर परियोजना प्रमुख विंध्याचल सुभाष चंद्र नायक नें अपने सम्बोधन में सभी कर्मचारियों को राजभाषा अनुभाग द्वारा पूरे पखवाड़े के दौरान आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर प्रतिभागिता करने हेतु प्रेरित किया। उन्होनें यह भी कहा कि राजभाषा हिंदी का शब्दकोश बहुत व्यापक है तथा यह वैज्ञानिक, सूचना प्रौद्योगिकी तथा तकनीकी विषयों को समाहित करने में समर्थ है। व्यावहारिक रूप से अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग करने के लिए भाषा को सरल एवं सहज रूप में लिखा जाए ताकि आम जनता को वैज्ञानिक तथा तकनीकी विषयों के बारे में पर्याप्त रूप से जानकारी प्राप्त हो सके। श्री नायक ने इसी के साथ राजभाषा पखवाड़ा, 2022 के विधिवत शुभारंभ की घोषणा की कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी जनो हेतु हिंदी प्रश्नोतरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सभी लोगो नें बढ़-चढ़ कर भाग लिया। सभी विजयी प्रतिभागियों को तत्काल पुरस्कार भी प्रदान किए गए कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ प्रबन्धक मानव संसाधन कामना नें किया । उन्होने अपने संचालन के दौरान राजभाषा पखवाड़ा, 2022 के अंतर्गत आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं की विस्तृत जानकारी दी इस अवसर पर कल्याण सिंह, सहायक हिन्दी ने हिंदी के महत्व को दर्शाती हुई स्वरचित शानदार कविता भी प्रस्तुत की, जिसे सभागार में उपस्थित सभी लोगो ने सराहा अंत में मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं सभी उपस्थित अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते श्रीमती कामना शर्मा नें धन्यवाद ज्ञापित किया।

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