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बरसात मे मालामाल हो रहे है जोन 4 के अधिशाषी अभियन्ता डी0एस0त्रिपठी 

  23 वर्षो से नगर निगम लखनऊ मे तैनात है डी0एस0त्रिपाठी
इमरजेन्सी वर्क के लाखो रूपयो का बन्दरबाॅट करने मे लगे है डी0एस0त्रिपाठी
लोगो जानमाल की परवाह नही है अधिशाषी अभियन्ता डी0एस0त्रिपाठी को
मुख्यमन्त्री से शिकायत कर लापरवाह अधिशाषी अभियन्ता डी0एस0त्रिपाठी को हटाने की हुई माॅग
गैस कम्पनी पर मेहरबान रहे अधिशाषी अभियन्ता डी0एसO त्रिपाठी 

लखनऊ-जी हाॅ बरसात बहुत लोगो के लिये जी का जंजाल बना है वही जोन चार के अधिशाषी अभियन्ता डी0एस0त्रिपाठी के लिये मालामाल होने का जरिया। बरसात से लोगो के बचाव और सडको,कालोनियो की गलियो के लिये सरकार ने लाखो रूपये रिलिज किये है मगर वह पैसा कहाॅ और किस जगह खर्च हो रहा है इसकी जानकारी जोन चार के अधिशाषी अभियन्ता डी0एस0त्रिपाठी के पास नही है।
आपको बता दे कि इमरजेन्सी वर्क के लिये सरकार नगर निगम को लाखो रूपये दे चुकी है मगर उन पैसो से कही धसे नाले को कुडे से पटवाकर इतिश्री कर ली जा रही है तो कही इस बरसात मे जलमग्न पानी मे लोगो को भगवान भरोसे छोड दिया जा रहा है। गोमती नगर के कई इलाके जलमग्न है मगर नगर निगम का जोन चार हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
विगत 23 वर्षो से नगर निगम मे तैनात अधिशाषी अभियन्ता डी0एस0त्रिपाठी हाॅलाकि है तो वह जोन चार के सहायक अभियन्ता मगर अपने जुगाड तन्त्र के बदौलत अधिशाषी अभियन्ता की कुर्सी भी कब्जाये पडे है।
ज्ञात हो कि गोमती नगर के विभिन्न इलाको मे गैस की एक कम्पनी ने अपने पाइप डालने के लिये पूरे गोमती नगर को खोद दिया मगर उस गैस कम्पनी ने इन गडढो को पाटने का काम नही किया। जबकि नियमतः गैस कम्पनी को इन बडे बडे गडढो को पाटना चाहिये था।
ज्ञात हो कि कोई भी कम्पनी जब नगर निगम के अधिकार क्षेत्र मे रोड कंटिग करती है तो पहले वह रोड कंटिग करने की नगर निगम से परमिशन लेती है और उस रोड कंटिग की एवज मे नगर निगम मे रूपया भी जमा करती है। मगर रोड काट कर पूरे गोमती नगर की शक्ल बिगाडने वाली गैस कम्पनी ने गोमती नगर मे पाइप डालने के लिये जगह जगह गडढा बनाकर अपना काम तो कर दिया मगर कम्पनी ने उन बडे बडे गडढो को जो तीन से चार मीटर गहराई तक बने हुये थे पाटा नही। नतीजा यह हुआ कि तीन दिन से हो रही मूसलाधार बरसात से यह सडके जिन पर गडढा बना हुआ था झेल नही पायी और वहाॅ की जमीन कई मीटर नीचे खसक गयी।
जमीन के नीचे खसक जाने से इन जगहो पर तीन तीन मीटर लम्बे और गहरे आकार के गडढे हो गये। इन्ही गडढो के माध्यम से बरसात का पानी कालोनी मे बने मकानो की नींव तक पहुॅच गया जिससे मकानो के गिरने का खतरा बढ गया है।
देखा जाये तो इस रोड कंटिग होने के बाद जोन के इन्जिनियरो को यह बात देखनी चाहिये थी कि जो गैस कम्पनी गडढा करके पाइप लाइन डाल रही है बाद मे उसको पाट रही है कि नही। मगर नगर निगम के बेपरवाह इन्जिनियरो ने इसकी सूध नही ली या यू कह लिजिये कि इन्जिनियर सूध लेना ही नही चाहते थे। क्योकि इसकी एवज मे गैस कम्पनी ने इन इन्जिनियरो को चढावा चढा दिया। फिर क्या सबके मुॅह बन्द।
नगर निगम के इन्जिनियरो को लगता था कि उनकी यह पोल खुलेगी नही लेकिन इन्द्र देवता ने जोन चार के इन्जिनियर साहब की पोल खोल ही दिया। बताना चाहते है कि गैस कम्पनी से पहले इन्ही सडको और कालोनी की गलियो को एक दुरसंचार कम्पनी ने भी खुदाई की थी जिसने खुदाई करते वक्त नगर निगम द्वारा लगाये गये फुटपाथ पर मंहगी टाइल्स जिसकी एक की कीमत 30 से 35 रूपये थी उन सबको खराब करते हुये गोमती नगर की शक्ल बिगाड दी। जिसकी शिकायत जोन चार सहित शासन तक से यहाॅ की जनता ने की। मगर उस मामले का भी संज्ञान किसी ने नही लिया। इसके बाद जो सही जगह और सही सडक बची थी उस पर गैस कम्पनी ने अपना हथौडे चलाकर लाखो रूपये से बनी सुन्दर सडको को खंण्डर बना दिया।
गोमती नगर के कुछ सम्भ्रात लोगो ने इन गडढो और इन गडढो से लोगो के नींव मे जो पानी जा रहा है उसकी शिकायत मुख्यमन्त्री के जनसुनवाई पोर्टल पर कर दी है। इसमे इन लोगो ने कहा कि लम्बे समय से मामले की सारी जानकारी जोन चार के अधिशाषी अभियन्ता डी0एस0त्रिपाठी को थी मगर उन्होने इस मामले को गम्भीरता नही लिया। जिसकी वजह से उनको आज यह दिन देखना पड रहा है।
इधर इस संवाददाता द्वारा बरसात के कारण सभी गडढो से पानी के रिसाव की बात अधिशाषी अभियन्ता डी0एस0त्रिपाठी से पूछा गया तो उन्होने कहा कि सभी गडढो मे मलवा भरवाया जा रहा है मलवा कहाॅ भरवाया जा रहा यह पूछे जाने पर उन्होने फोन काट दिया। इस संवाददाता द्वारा लगातार फोन मिलाये जाने पर भी बाद मे उन्होने फोन नही उठाया। इससे यह बात तो साबित होता है कि मलवे का काम सिर्फ फाइल पर हो रहा है।
देखा जाये तो प्रदेश की सुशासन वाली योगी सरकार के नियम कानून का भी नगर निगम के अधिशाषी अभियन्ता डी0एस0त्रिपाठी को डर नही है तभी तो वह जनहित के कामो की बजाय इस बरसात मे मालामाल होने मे लगे है। सरकार कह चुकी है कि किसी भी विभाग के किसी भी अधिकारी द्वारा बरसात के मौसम मे लापरवाही बर्दास्त नहीं की की जाएगी । 

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