मधुबन(मऊ)-स्थानीय कस्बा स्थित कामर्शियल भूमि पर दो दशक पहले स्थापित रोजवेज परिसर इन दिनों विभागीय अधिकारियों की उदासीनता की मार झेल रहा है। बस स्टेशन परिसर की भूमि सड़क से काफी नीचे होने व नाली के अभाव में बरसात के दिनों में होने वाली बारिश के चलते परिसर में पानी जम जा रहा है। नाली के अभाव में पानी का निकास न होने जल-जमावh यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इससे पूरा परिसर झील में तब्दील हो गया है। वहीं इसके चलते सरकारी बसें परिसर में ठहरने के बजाए सड़क पर खड़ी हो रही हैं, इससे जाम की समस्या भी उत्पंन होने लगी है। परिसर में पानी के जल-जमाव से जहां मच्छरों की भरमार है, वहीं पानी के सड़ांध से संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका प्रबल हो गई है। इसके उत्पंन दुर्गंध के चलते यात्री स्टेशन के बने विश्रामालय में नहीं बैठ पा रहे हैं। बस स्टेशन पहले से ही अपने गंदगी,यात्रियों के लिए कोई व्यवस्था नही,नाहीं पूछताछ की व्यवस्था, सरकारी बसों का अन्दर न आना, नाहीं बसों के आवागमन संबंधित कोई जानकारी,नाहीं समय सारणी, नीजी सवारी गाड़ियों का गेट के पास खडी़ करके रोड को जाम में हमेशा तब्दील रहने देना आदि इस सरकारी बस स्टेशन की परम्परा है। जहाँ के विधायक व कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान हैं। चुनाव में तो बहुत ही बड़े-बड़े वादे किए गए थे। जो आज झूठे साबित हो रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वादा किया था कि यदि मेरी सरकार बनती है तो मधुबन के दूरदराज तक चर्चित सब्जी मंडी कटघरा मोड़ को एक नया सब्जी मंडी बनाकर दिया जाएगा। जिससे रोजाना जाम के झाम से निजात मिल जाएगी। कस्बे मे नाली और पटरियों का निर्माण करके शहर को सुन्दर बना दिया जाएगा। इलाज के लिए इधर उधर भटक रहे लोगों के लिए बड़ा हास्पिटल बनवाया जाएगा। यहां से इन वादों के साथ भाजपा के विधायक भी बने और विधायक जी कैबिनेट मंत्री भी बने एक साल से ऊपर हो गया। कितना पुरा हुआ चुनावी वादा ना नाहीं सब्जी मंडी बना, नाहीं जाम के झाम से छुटकारा मिला,नाहीं नाली व रोड के किनारे पटरियों का निर्माण हुआ, नाहीं सुन्दर शहर बना, नाहीं हास्पिटल बना, शहर में एक सरकारी हास्पिटल है जिसमें 24 घंटे मरीजों की सेवा नहीं दे पा रही सरकार। कस्बे के सभी रोड गढ्ढे वाला रोड बन चुका है। जिससे राहगीरों को आने जाने मे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।