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शासनादेश 23 जुलाई 12 निरस्तीकरण की मांग को लेकर निकाय कार्मिकों ने दिखाई ताकत

बालाकदर से नगर निगम मुख्यालय तक शान्ति पूर्ण रैली निकाल की जनसभा
मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा
मांगो का निस्तारण न होने पर 19 से भूखहड़ताल घोषणा
लखनऊ। स्वायत्त शासन कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आज मुख्य रूप से शासनादेश संख्या 104म.न.वि./9-1-12-203स/10 को निरस्त किये जाने सहित बारह सूत्रीय मांगों को लेकर बालाकदर मार्ग प्रकाश विभाग से लालबाग नगर निगम मुख्यालय तक षान्ति पूर्ण रैली निकाली गई। लालबाग नगर निगम मुख्यालय पर भव्य सभा का आयोजन कर निकाय के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि जिसषासन के कारण दस से 15 वर्ष से नियमित रूप से सेवा कर रहे कर्मचारियों को अनियमित मानकर निकाला गया उस शासनादेश को तत्काल निरस्त करने की मांग पुरजोर तरीके से हर वक्ता द्वारा की गई। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि जहाॅ एक ओर योगी सरकार चार पाॅच साल में कई लाख लोगों को रोजगार देने का दावा कर रही है वही दूसरी तरफ इसी सरकार ने निकाय के उन कर्मचारियों को लगभग अवैध तरीके से अनियमित मानते हुए बेरोजगार कर उनके परिवार को दोराहे पर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों का चयन बकायदा निकाय के जिम्मेदार और पात्र अधिकारियों द्वारा किया गया हो उन्हें दस से 15 साल की सेवा के बाद अवैध या अनियमित कैसे कहा जाएगा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि अगर समय सीमा के अन्दर मांगों का निस्तारण नही होता तो 19 मार्च से भूख हड़ताल षुरू कर दी जाएगी। इस दौरान निकाय संवर्ग से जुड़े कई अन्य संगठनों ने इस आन्दोलन को अपना समर्थन देते हुए अगले आन्दोलन में पूर्ण भागीदारी का आष्वासन दिया।
सभा को सम्बोधित करते हुए प्रान्तीय अध्यक्ष वेद प्रकाष कौषिक एवं प्रान्तीय महामंत्री अषोक गोयल ने कहा कि उ.प्र. सरकार/उ.प्र.शासन द्वारा निकाय के कर्मचारियों की मांगों के प्रति उदासीनता बरतने के कारण हमें यह रैली करनी पड़ रही है और यही उदासीनता रही तो हम भूख हड़ताल के लिए भी मजबूर होगे।। इस दौरान संरक्षक सुभाष चंद शर्मा ने बताया कि मोर्च की मुख्य मांगों में 23 जुलाई 12 कोे पूर्व मंत्री नगर विकास उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश की आड़ में वर्ष 2001 से पूर्व कार्यरत कर्मचारियों की सेवा समाप्ति के निर्णय की वापसी कर उक्त कार्यकाल में सेवारत कर्मचारियेां की बहाली किया जाना तथा उक्त शासनादेश रद्द कर कर्मचारियों की सेवा बहाल करें। निकायों में लिपिकीय संवर्ग, राजस्व संवर्ग, लेखा संवर्ग में व्याप्त विसंगतियों को दूर किया जाए। स्थानीय निकाय कर्मचारियों को कैशलेस की सुविधा प्रदान कराया जाना, राजस्व निरीक्षक टू को सहायक निरीक्षक/राजस्व निरीक्षक पदनाम देते हुए 50 प्रतिषत पदोन्नति की व्यवस्था किया जाना । निकाय की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ किया जाना एवं राज्य वित्त आयोग में हो रही धनराशि की कटौती समाप्त किया जाना, की गई कटौती की धनराशि अवमुक्त किया जाना एवं अन्य मांगों की पूर्ति कराये जाने की मांग रखी गई। इस दौरान उपमहामंत्री श्रवण कुमार त्रिपाठी ने मांगों के संदर्भ में सभा को अवगत कराते हुए कहा कि निकायों में सेवाप्रदाता के माध्यम कार्यरत कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 18 हजार रूपये का प्रतिमाह भुगतान किया जाए और भविष्य की रिक्तियों में इनका समायोजन किया जाए तथा श्रम कानूनों का पालन करते हुए इन्हें ईएसआई तथा जीपीएफ की सुविधा दी जाए। नगर निगम गाजियाबाद, नगर निगम बनारस, नगर निगम झाॅसी, नगर निगम फिरोजाबाद, नगर निगम इलाहाबाद, नगर निगम फैजाबाद नगर निगम बरेली, नगर निगम सहारानपुर, नगर निगम मथुरा, नगर निगम आगरा, नगर पालिका परिषदों,नगर पंचायतों के प्रतिनिधि मण्डल सहित हजारों की संख्या में कर्मचारी इस रैली में सम्मिलित रहे। मुख्य रूप से संरक्षक कैलाशनाथ महरौत्रा, एवं ओम प्रकाष पटेल,, उपाध्यक्ष भुल्लु सिंह, सरवन लाल भारती, सजय पाठक, कृष्ण कुमार सिंह, ताहिर अली, हरिकृष्ण शर्मा, नगर निगम कर्मचारी संघ लखनऊ के अध्यक्ष आनंद वर्मा महामंत्री रामअचल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओमप्रकाश उप्रेती व नगर निगम कर्मचारी संघ वाराणसी के अध्यक्ष पवन कुमार सिंह, महामंत्री मनोज कुमार,कृष्ण मुरारी सिंह, अवधेश तिवारी,अषोक अग्रवाल,रामचरन अहिरवार, छोटेलाल, ललित त्यागी, विजय प्रकश सिह, राजकुमार रावत,राजीव दीक्षित, चैब सिंह, दिनेश चन्द यादव, नंद किशोर रावत, राकेष गुप्ता, खुर्शीद बेग,कृष्ण कुमार, गजराजराम रावत, ताहिर अली,शमील एखलाक, शत्रोहन, आदि कर्मचारियों नेताओं ने सम्बोधित किया। सभा का संचालन नगर निगम लखनऊ के कमचारी नेता मो. शोएब ने किया।

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