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संचारी रोगों से समुदाय को बचाने को चल रहा अभियान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता लोगों को जागरूक करने में जुटीं

सफाई और फागिंग के कार्य पर भी दिया जा रहा जोर
लखनऊ। संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार पर नियंत्रण एवं उपचार के लिए एक अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान चलाया जा रहा है | इस अभियान के दौरान लोगों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक किया जा रहा है | यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय भटनागर ने कहीं | उन्होंने बताया – इस अभियान का स्वास्थ्य विभाग नोडल विभाग है | इसके साथ ही बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, पशु पालन विभाग, कृषि विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, नगर निगम, पंचायती राज विभाग, संस्कृति विभाग, सूचना विभाग और दिव्यांग कल्याण विभाग अभियान में सहयोग कर रहे हैं |
राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियन्त्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. के.पी.त्रिपाठी ने बताया- इस संचारी अभियान को शुरू हुए एक सप्ताह पूरे हो गए हैं | इस दौरान शहरी क्षेत्र में नगर विकास विभाग द्वारा 1092 ड्रेनेज सिस्टम को साफ करने का लक्ष्य था जिसके सापेक्ष पहले सप्ताह में 332 ड्रेनेज की सफाई हो गयी है तथा 110 वार्ड में फागिंग कराने के लक्ष्य के सापेक्ष 56 क्षेत्रों में फागिंग कराई गई है |
कृषि विभाग द्वारा चूहे, छछुन्दर, नेवले को घर व् समुदाय से दूर रखने तथा घर के आस-पास झाड़ियों आदि को काटने को लेकर समुदाय में 34 संवेदीकरण बैठकें की गयीं |
पहले सप्ताह में पशुपालन विभाग द्वारा 14 सुअर पालकों को संचारी रोगों के बारे में संवेदीकृत किया गया |
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) डी एन शुक्ल ने बताया- दस्तक अभियान के दौरान प्रशिक्षित आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को संचारी रोगों से बचाव के उपाय बताने के साथ ही दिमागी बुखार के लक्षणों एवं उपचार के विषय में समुदाय को जागरूक कर रही है साथ भ्रमण के दौरान घरों के अन्दर मच्छर उत्पन्न करने वाली परिस्थितियों का निरीक्षण भी कर रही हैं | कोविड -19 के चलते इस अभियान में आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान बुखार के रोगियों के साथ खांसी तथा सांस लेने में परेशानी के लक्षण के रोगियों के विषय में भी जानकारी प्राप्त कर रही हैं तथा ऐसे रोगियों की सूचना प्राप्त होने पर उनको निर्धारित प्रपत्र में भरकर ब्लाक मुख्यालय में भेज रही हैं | कोरोना के कारण फरवरी से अगस्त तक नियमित टीकाकरण के अनेक सत्र आयोजित नहीं किये गये हैं जिसके कारण अनेक शिशु टीकाकरण से वंचित रह गए हैं | ऐसे वंचित बच्चों की सूची भी आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान बना रही हैं |

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