निजी विद्यालयों का दबाब बिना रिजल्ट जमा करो ग्यारहवीं की फीस
शिक्षा विभाग के कमजोर नियंत्रण के चलते मनमानी कर रहे निजी स्कूल
लखनऊ। निजी विद्यालय अपनी कमाई के नित नये-नये हथकंडे अपना रहें हैं। कापी, किताबें, यूनीफार्म, जूते, मोज,े खुद बेचने के बाद अब हाई स्कूल पास करने के बाद बच्चे कहीं और न एडमिशन न ले पाये तो अब ग्यारहवीं की फीस भी एडवान्स में जमा करवाने का दबाब अभिभावकों पर डाल रहे है। जानकारी में मुताबिक राजधानी के नामचीन निजी विद्यालयें ने कक्षा दस की परीक्षा समाप्त होते ही अपने यहां ग्यारहवीं में प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है। नये एडमिशन तो कर ही रहे है साथ ही वही कक्षा दस में पढ़ रहे विद्यार्थियों से बिना रिजल्ट घोषित हुये ही कक्षा ग्यारहवीं की फीस जमा कर देने का दबाब बना रहे है। यह भी कहा जा रहा है कि फीस जमा करवा दो अन्यथा सीटे भर जायेगी तो प्रवेश नहीं दिया जायेगा। अभिभावक मजबूरी में फीस जमा कर रहा है कुछ अभिभावक तो पूरे साल की फीस एडवान्स में जमा कर दे रहे है। शिक्षा विभाग की माने तो पूर्व में जिला विद्यालय निरीक्षक रह चुके डा0 मुकेश सिं ने एक प्रसिद्ध निजी विद्यालय द्वारा एडवान्स में ग्यारहवीं की फीस लिये जाने पर कार्यवाही करते हुये अभिभावकों को फीस वापस करवा दी थी। नियमानुसार कक्षा दस का परीक्षा परिणाम घोषित हुये बिना कक्षा ग्यारह में एडमिशन नहीं लिया जा सकता है। परन्तु निजी विद्यालय धड़ल्ले से ग्यानहवीं में नये एडमिशन भी ले रहे है और पुराने छात्रों से एडवान्स में फीस भी जमा करवा रहे है। शिक्षा विभाग का कोई भी नियंत्रण निजी विद्यालयों पर नहीं है। मामला चाहे यू-डायस प्लस पर पूरी जानकारी देने का हो या बिना रिजल्ट एडमिशन लेने का हो विभाग निजी विद्यालयों पर कोई कार्यवाही करने से डरता है। केवल कहोर कार्यवाही करने की बस चेतावनी ही देता रहता है।