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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने किया जोरदार प्रर्दशन 

सरकार के खिलाफ प्रदेश भर के जिलों में हुआ विरोध 
लखनऊ। शासन द्वारा जिलाधिकारियों/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों सहित मण्डलीय व जनपदीय अधिकारियों को प्रातः 9 बजे से जनसुनवाई करने के निर्देश जारी हुआ है। परन्तु शासन के इस निर्देश को जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा समस्त कर्मचारियों पर थोपने से प्रदेश भर के राज्य कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। तत्कालीन मुख्य सचिव,ने अपने अर्द्धशासकीय पत्रांक 55-जी/1958-सा0प्र0 अनु0-2 दि0 07.07.1975 द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश जारी करते हुये कर्मचारियों को प्रातः 10 बजे अपने कार्यालयों में उपस्थित होकर कार्य करने तथा मध्यान्ह अवकाश आधा घण्टा करने के निर्देश जारी किये गये थे, जो अभी भी प्रभावी है ऐसी स्थिति में जनपदीय अधिकारियों द्वारा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को जनसुनवाई जैसे प्रशासनिक कार्याे हेतु कार्यालय अवधि से पूर्व प्रातः 9 बजे उपस्थित होने विषयक आदेशों से कर्मचारियेां में जबरदस्त आक्रोश है, प्रदेश भर में राज्य कर्मचारी अपने आपको शोषित महसूस कर रहे हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा इस सम्बन्ध में स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने हेतु मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया था परन्तु अभी तक कोई कार्यवाही न होने से परिषद द्वारा पूरे प्रदेश के समस्त जनपदों में गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर एक दिवसीय धरना-प्रर्दशन कर विरोध जताया गया एंव जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से ज्ञापन भी सौंपा गया। लखनऊ में धरने का आयोजन  स्व0 बी0एन0 सिंह जी, की प्रतिमा स्थल कर्मचारी प्रेरणा स्थल  पर आयोजित किया गया। लखनऊ में धरने का नेतृत्व जनपद अध्यक्ष बी0एस0 डोलिया ने किया एवं पर्यवेक्षक के रुप में यादवेन्द्र मिश्रा, प्रमुख उपाध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एवं अध्यक्ष उ0प्र0 सचिवालय संघ के साथ-साथ इं0 दिवाकर राय, इं0 एन0डी0 द्विवेदी, इं0 ए0के0 मिश्रा, इं0 एस0के0 त्रिपाठी, राजेश वर्मा, रामवीर सिंह, मनोज श्रीवास्तव, संजीव गुप्ता, धर्मेन्द्र सिंह, मुकेश जोशी, अशोक सिंह, अशोक दुबे, अनुज कुमार शुक्ला, आदि पदाधिकारियों के साथ ही हजारो की संख्या में कर्मचारी उपस्थिति रहे। साथ ही प्रदेश के समस्त जनपदों में कर्मचारियों ने हजारों की संख्या में उपस्थिति होकर विरोध दर्ज कराया। धरने में यह भी प्रस्ताव लाया गया कि इसके बाद भी यदि शासन ने स्थिति स्पष्ट नहीं किया तो परिषद इससे भी बड़े आन्दोलन के लिये बाध्य होगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी। परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी, महामंत्री शिवबरन सिंह यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष यदुवीर सिंह के साथ अनेकों लोग मौजूद रहे ।

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