Home > स्थानीय समाचार > श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी की जयंती की पूर्व संध्या पर काव्य संध्या का आयोजन

श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी की जयंती की पूर्व संध्या पर काव्य संध्या का आयोजन

 लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी की जयंती की पूर्व संध्या पर काव्य संध्या का आयोजन लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया द्वारा चौक स्थित साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में किया गया । इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल श्री लाल जी टंडन, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक, भारत सरकार के गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री श्री योगीआदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री श्री केशव मौर्या, उपमुख्यमंत्री श्री दिनेश शर्मा, महापौर संयुक्ता भाटिया ने द्वीप प्रज्वलित कर काव्य संध्या का शुभारंभ किया ।
इस मौके पर महापौर ने अपने स्वागत भाषण में अटल जी को याद करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एक राजनेता के तौर पर जितने सराहे गए हैं, उतना ही प्यार उनकी कविताओं को भी मिला है। उनकी कई कविताएं उनके व्यक्तित्व की परिचायक बन गईं तो कइयों ने जीवन को देखने का उनका नजरिया दुनिया के सामने रख दिया। तेरह दिन, तेरह महीनों की सरकार अटल जी की संघर्ष शीलता, झुझारूपन, दृढ़ निश्चय और पूरे पाँच वर्ष चलने वाली गठबन्धन सरकार अटल जी की राजनैतिक सर्वमान्यता एवं नेतृत्व क्षमता का एक अदभुत उदाहरण है।  महापौर ने आगे कहा कि अटल जी के नाम की ही तरह भारत को वैश्विक पटल के शीर्ष पर ले जाने का उनका दृष्टिकोण भी अटल था। तमाम वैश्विक विषमताओं के बावजूद पोखरण में परमाणु विस्फोट कर उन्होंने अपने अटल इरादों से दुनिया को परिचित कराया। लखनऊ से उनका गहरा नाता रहा है. राजधानी लखनऊ को अपनी राजनैतिक कर्मभूमि बनाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपना पहला काव्य पाठ भी यहीं किया था।
*महापौर ने उनकी काव्य ग्रंथ को सहेजने की बात करते हुए कहा कि श्रद्धये अटल जी की काव्य रचना को सहेजने के ही उद्देश्य से हमने नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में प्रस्ताव पास कर अटल स्मृति उपवन बनवाने जा रहे है, जहाँ उनकी 51 कविताओं के शिलालेख स्थापित किये जायेंगे। साथ ही इससे लखनऊ आने वाले हर व्यक्ति को उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व से प्रेरणा मिलेगी ।*
महापौर ने आगे कहा कि करीब 14 वर्षों तक सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बाद भी उनकी मृत्यु पर जिस तरह उनकी अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ा, ऐसा दृश्य मैंने अपने जीवन में नही देखा। इस अवसर पर माननीय गृहमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, महापौर ने काव्य पाठ कर रहे कवि सुनील जोगी, सुरेंद्र शर्मा, वसीम बरेलवी, वेदव्रत बाजपेयी, डॉ सुमन दुबे, आलोक श्रीवास्तव, सर्वेश अस्थाना, सुश्री कविता तिवारी, वाहिद अली ‘वाहिद’ ,श्री अशोक मिश्रा ‘ झंझटी को पुष्प गुच्छ एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *