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मिल एरिया चौकी प्रभारी और सभासद करवा रहे है रेलवे और नगर निगम की जमीन पर अवैध कब्जे

वर्चस्व की लड़ाई और अवैध कब्जों के चलते क्षेत्र में बढ़ रहा है सांप्रदायिक तनाव,,,अप्रिय घटना होने पर प्रशासन होगा पूरी तरह से जिम्मेदार
लखनऊ । थाना बाजारखाला के अंर्तगत मिल रोड पर एफसीआई गोदाम को जाने वाली रेलवे लाइन का सड़क की तरफ का भाग रेलवे के अंर्तगत तथा दूसरी तरफ की जमीन नगर निगम अम्बेडकर नगर द्वितीय वार्ड के अन्र्तगत आती है तथा इसका बड़ा भाग नजूल की संपत्ति है। जिस पर कब्जे को लेकर पूर्व भाजपा सभासद गणेश कनौजिया और वर्तमान सभासद, समाजवादी पार्टी के मोहम्मद रईस अहमद खान के बीच तनातनी चल रही है। नगर निगम की जमीन पर विकास कार्य के चलते पक्के नाले का निर्माण कार्य चल रहा है। नाले के आगे रेलवे लाइन के किनारे नगर निगम की करीब पचास से साठ फीट चैड़ी खाली जमीन है। यही पर अपने-अपने वर्चस्व और अपने-अपने लोगों को कब्जे कराने की होड़ लगी है। वही पर मिल एरिया चैकी प्रभारी की अरविन्द सिंह की मिली-भगत के चलते रेलवे और नगर निगम की जमीन पर कब्जे किये जा रहे है। चैकी प्रभारी की कृपा और पूर्व सभासद के सहयोग से यही मिल रोड पर गोरखपुर तेल डिपों के सामने नजूल की जमीन पर तीन मंजिला भवन भी बन कर खड़ा हो गया है और जोन-7 के अधिकारी सोते ही रहे। ऐसा नही है कि उनको मामले की जानकारी नही है। उनके देखते ही देखते लाखों की कीमत की तीन मंजिला इमारत बन कर खड़ी हो गयी।चैकी में वर्षों से जमे दीवान संजीव यादव के द्वारा अवैध कब्जों की अवैध वसूली का पूरा कार्य ईमानदारी से किया जा रहा है। इसमें दीवान की भी अहम् भूमिका है। पूरे प्रकरण में लाखों के वारे-न्यारे हो गये है और खेल चल रहा है। पूर्व भाजपा सभासद अजय अवस्थी ने बताया कि पूर्व भाजपा सभासद गणेश कनौजिया अपने सहयोगी अर्जुन पाठक को तो वर्तमान सपा सभासद मो0 रईस अहमद खान अपने सहयोगी महताब आलम को इस लाखों की नगर निगम की जमीन पर कब्जा कराना चाहते है। रईस अहमद लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनीस राजा के भाई है जिनका काफी प्रभाव है। वही गणेश कनौजिया के साथ अन्य प्रभावशाली लोगों का साथ है। जिस पर दोनों गुटों में तनातनी का माहैाल चल रहा है। वही मलाई चैकी प्रभारी खा रहे है। इस संबंध में क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना न घटित हो इसके लिये उपाध्यक्ष, लखनऊ विकास प्राधिकरण, अधिषाषी अभियंता, जोन-7 तथा तहसीलदार नजूल को लिखित में शिकायत की जा चुकी है। नाले का निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार सुरेन्द्र चैहान ने भी अवैध कब्जों को लेकर हो रहे व्यवधान की शिकायत की परंतु कोई सुनवाई नहीं हुयी। वही अवर अभियंता जोन-7 ने एक जुलाई को नजूल की जमीन पर बने तीन मंजिला भवन को सील करने की अपनी संतुस्ति प्रदान कर दी थी परन्तु इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुयी।जमीन पर कब्जे की यह लड़ाई किसी अप्रिय घटना में तब्दील हो इसके पूर्व रेलवे और नगर निगम को अपने संज्ञान में लेकर कब्जों को तुरन्त हटवा देना चाहिये। रेलवे लाइन के किनारे जो पक्के मकान अवैध कब्जो से बन गये है कहीं-कहीं पर लाइन से दूरी मात्र चार फीट ही है जो काफी खतरनाक है इनको भी हटाने की आवश्यकता है। पुलिस और सभासदों के इस खेल में यदि इसमें सांप्रदायिकता का रंग आता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी खुद प्रशासन की ही होगी।

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