हाई कोर्ट के आदेशों की उड़ाई जा रही हैं धज्जियाँ
लखनऊ | एक ओर हाई कोर्ट और प्रशासन सख्त है कि शहर में हो रहे मानकों के विपरीत अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाय | परन्तु वहीँ दूसरी ऒर लखनऊ विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारी हाई कोर्ट और प्रशासन के आदेशों को ताख पर रख कर सभी सीमाओं को पार करके मानकों के खिलाफ अवैध निर्माण को अपनी आँखें बंद करके बढ़ावा दे रहे है | इन अवैध निर्माणों को मुख्यताः प्राधिकरण के जे ई , सुपरवाईजर तथा राजनैतिक व प्रशासनिक दबाव जिम्मेदार है | मैन रोड पर होता हुआ निर्माण इन प्राधिकरण के कर्माचरियों को क्यों नहीं दिखाई देता है ? किसी शिकायत के होने पर या मीडिआ में प्रकाशित होने पर ही क्यों कारवाही कर दिखावा क़ी खाना पूर्ति करने के बाद भी निर्माण चलता रहता है ? आखिर इन अधिकारीयों को क्या लालच है ? या यह सब किसी राजनैतिक व प्रशासनिक दबाव में रहकर कार्य करते हैं | ऐसा ही एक अवैध निर्माण बालागंज, हरदोई रोड लखनऊ पर भूखंड 439 /159 /1 के बगल में हो रहा है | सूत्रों से पता चला है कि दिनांक 13 /10 /2017 को नोटिस देकर निर्माण कार्य बंद करा दिया था और बिल्डर को हिदायत दी गयी थी कि कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराया जायेगा | परन्तु आश्चर्य की बात है कि ये है कि निर्माण कार्य खबर लिखे जाने तक आज भी जारी है | क्या ये इस क्षेत्र में तैनात जे ई तथा सुपरवाईजर की जिम्मेदारी नही है कि इस होते हुए अवैध निर्माण को रोके | आखिर किस लालच व दबाव में यह होता हुआ अवैध निर्माण नहीं रुकवाया जा रहा है | इस क्षेत्र के जे ई रविंद्र कुमार श्रीवास्तव है | सूत्रों से यह भी मालूम हुआ है कि इस अवैध निर्माण को करने के सहयोग के लिए लाखों रुपये की उगाही की गयी है | निर्माण अभीतक तीसरी मंजिल तक हो चुका है | क्या निर्माण के शुरुआत में रोका नहीं जा सकता था | अवध की आवाज ने इस प्रकरण को दिनांक 17 अक्टूबर 2017 के अंक में भी प्रकाशित किया था परन्तु अभी तक कोई कारवाही नहीं हुई है | इससे पूर्णतयाः स्पष्ट है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण अवैध निर्माण के प्रति कितना जागरूक है ? अब देखना यह है कि इस अवैध निर्माण को सील किया जाता है या नहीं या कोई बीच का रास्ता निकल कर बिल्डर को अभय दान दे दिया जायेगा |