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यूनिआरएसएस प्रचारक संकटा का ब्रम्हलीन होना राष्ट्रवादी विचारधारा की अपूरणीय क्षति: योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संघ के वरिष्ठ प्रचारक ठाकुर संकटा प्रसाद को केशव भवन(माॅडल हाउस) में रखे उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी। वे उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक संकटा जी का ब्रम्हलीन होना राष्ट्रवादी विचारधारा की अपूरणीय क्षति है। राष्ट्रधर्म के लिये उनका पूरा जीवन समर्पित था। भारतमाता को परम वैभव तक पहुंचाना ही जिनके जीवन का ध्येय था, इस पावन पथ के अमर सेनानी संकटा जी का ब्रम्हलीन होना हम सबकी क्षति है। अपने पवित्र मिशन को उन्होंने अपनी आंखों से सफल होते देखा है। इससे उन्हें अवश्य संतुष्टि रही होगी।
बताया कि अभी पिछली बार ही मैनें उनसे मुलाकात की थी। अपनी जीवटता और बचपन की यादों को स्मरण करके वे सदैव राष्ट्रधर्म के ऐसे प्रत्येक नवयुवक को प्रेरित करते रहे। भारतमाता के ऐसे सपूत के दिवंगत होने पर मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। ईश्वर उन्हें सद्गति प्रदान करें और उनके सपने का भारत बने यह कामना करता हूं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक और भारतीय किसान संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर संकठा प्रसाद सिंह का शुक्रवार को पूर्वाह्न 10ः40 बजे लखनऊ के केशव भवन मॉडल हाउस में स्वर्गवास हो गया। वे 94 वर्ष के थे। उनके जीवन का मूलमंत्र ‘ग्रामोत्थान से राष्ट्रोत्थान’ और ‘सम्पूर्ण स्वालम्बी ग्राम’ था।
उनका अंतिम संस्कार शनिवार को भैंसाकुण्ड स्थित बैकुण्ठ धाम में सम्पन्न हुआ। उन्हें मुखाग्नि उनके भतीजे अरूण कुमार सिंह ने दी। इस मौके पर शोक सभा भी आयोजित की गई। संघ के क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख ने भैंसा कुण्ड में एक वट वृक्ष का रोपण भी किया। उनका जन्म गाजीपुर के ग्राम ‘मई’ तहसील सैदपुर थाना सादात में कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी 23 नवम्बर, 1923 में हुआ था। ठाकुर साहब दो सगे भाई थे आपके बड़े भाई प्रसिद्ध पहलवान थे। वहां से उनके पिताजी जी श्री सत्यनारायण सिंह मीरजापुर के आमडीह गांव में जाकर बस गए, जो कि अब सोनभद्र जिले में आता है। इनकी पढ़ाई इण्टरमीडिएट तक मीरजापुर में हुई। ये 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान संघ के सम्पर्क में आये और 1944 में आरएसएस के प्रचारक के नाते जौनपुर के मडियाहूं तहसील में भेजे गए। उन्हें संघ में स्व. ठाकुर गुर्जर सिंह जी तथा स्व. माधव राव देवड़े जी ने जोड़ा। उस समय स्व. माधव राव देवड़े जौनपुर के प्रचारक रहे।
ये संघ के तहसील, जिला व विभाग प्रचारक के बाद किसान संघ के उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री, अखिल भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते दायित्वों का निर्वहन किया। संघ के प्रशिक्षण वर्ग के वे उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्य शिक्षक थे।
अखिल भारतीय किसान संघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय संगठन मंत्री जैसे दायित्व का निर्वहन करने वाले एकलौते प्रचारक रहे। वे लोकतंत्र सेनानी भी थे। किसान संघ के पूर्व क्षेत्रीय संगठन मंत्री वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि वे संघ के कर्मठ, अनुशासनप्रिय व समर्पित प्रचारक थे। अपने प्रचारक जीवन में वे कईयों को प्रचारक निकाले।
वरिष्ठ प्रचारक रमाशंकर उपाध्याय ने कहा कि 1948 में संघ पर जब प्रतिबंध लगा तो सरकार के निर्णय के खिलाफ उन्होंने ‘सत्याग्रह’ का नेतृत्व किया। उनका प्रवास के प्रति विशेष आग्रह होता था। वे साईकिल से गांव-गांव में प्रवास करते थे। उनके जाने से संघ परिवार समेत राष्ट्रवादी विचारधारा की अपूरणीय क्षति हुई है। अपने शोक संदेश में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि मेरे मार्गदर्शक, जिनसे हमेशा प्रेरणा प्राप्त हुई, ऐसे सतपुरूष का ब्रह्मलोकवासी होना मेरी व्यक्तिगत क्षति है, ईश्वर उन्हें सद्गति प्रदान करे। पद्मश्री व संघ के प्रचारक ब्रह्मदेव भाई शर्मा ने कहा कि श्रद्धेय संकठा प्रसाद जी का जीवन संघ तथा संघ प्रेरित सभी संगठन के कार्यकर्ताओं को प्रेरणा देने वाला था। वे प्रथम गोरखपुर सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना के स्तम्भ थे। इनका आदर्श एवं व्यक्तिगत कठोर जीवन सभी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा देता रहेगा।

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