लखनऊ। भूमाफियाओ का आतंक दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है जिस पर सरकार भी लगाम लगाने मे जुटी है लेकिन स्थानिय पुलिस का संरक्षण और ऊँची पहुँच के कारण इन पर पूरी तरह से लगाम नही लग पा रहा है। ऐसा ही एक प्रकरण कंचना बिहारी मार्ग का है। जिसमें आरटीआई एक्टिविस्ट लक्ष्मीकान्त सिंह ने आरोप लगाया कि शंकरपुरवा द्वितीय वार्ड के पूर्व पार्षद रामू पाल के द्वारा कंचना बिहारी मार्ग पर मैट्रो हास्पिटल के सामने पांच मंजिला अपार्टमेन्ट का निर्माण बिना मानचित्र स्वीकृत कराए किया जा रहा था। जिस पर लखनऊ विकास प्राधिकारण मे अवैध निर्माण शुरू होने के समय ही 05 अक्टूबर 2018 को शिकायत की गई थी। जिस पर उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 यथा संशोधित 1997 की धारा-28(क) के अन्तर्गत सील करते हुए 25 अक्टूबर 2018 को थाना गुडम्बा पुलिस की अभिरक्षा में दिया गया था। लक्ष्मीकान्त ने आरोप लगाया कि खुद पूर्व पार्षद और वर्तमान मे पत्नी पार्षद होने के कारण सरकार मे अच्छी पकड़ है जिसका फायदा उठाते हुए पूर्व पार्षद रामू पाल ने एलडीए और स्थानिय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से सील तोड़कर अवैध निर्माण कार्य कराया जो कि वर्तमान मे पांच मंजिला अपार्टमेन्ट बनकर तैयार हो चुका है।
एलडीए के द्वारा मेरी बिल्डिंग कभी सील नही हुई और ना ही ऐसी कोई कार्यवाही हुई है। सत्ता मे होने के कारण मुझे बदनाम करने के लिए साजिश खेली जा रही है। यह मेरी पुस्तैनी जमीन है और पुस्तैनी जमीन पर निर्माण कराना अवैध नही है। एलडीए के द्वारा नोटिस भेजकर मानचित्र व नक्शा की जानकारी मांगी गई थी। जिस पर मानचित्र तैयार कराकर स्वीकृत किए जाने हेतु विभाग मे कम्पाउंडिंग कराकर समन शुल्क जमा है। एलडीए जब नक्शा पास करेगा तो उस समय जो शुल्क लागू होगा हम उसके देनदार होंगे।
रामू पाल पूर्व पार्षद
शंकरपुरवा द्वितीय वार्ड