Home > स्थानीय समाचार > सीजेएम न्यायालय में दाखिल हुई एसएसपी,एएसपी अपराध और 8 पुलिस इंस्पेक्टरों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे की अर्जी

सीजेएम न्यायालय में दाखिल हुई एसएसपी,एएसपी अपराध और 8 पुलिस इंस्पेक्टरों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे की अर्जी

लखनऊ। भारतीय दण्ड विधान (सीआरपीसी) की धारा 39 के खिलाफ जाकर मुकदमा दर्ज करने और विवेचना करने का आरोप लगाकर लखनऊ के दर्जनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने आज यहाँ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में एक अर्जी दाखिल कर दी है, सीजेएम ने उर्वशी द्वारा दाखिल की गई अर्जी की पोषणीयता पर 25 जून को निर्णय देने का आदेश पारित किया है, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने यह आदेश उर्वशी द्वारा लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार,अपर पुलिस अधीक्षक अपराध दिनेश कुमार सिंह, इंस्पेक्टर विजय मल सिंह यादव,इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह, इंस्पेक्टर नजरुल हसन, इंस्पेक्टर धीरेन्द्र कुमार उपाध्याय,इंस्पेक्टर आनंद कुमार शाही ,इंस्पेक्टर राम कुमार गुप्ता,इंस्पेक्टर विनोद शर्मा, इंस्पेक्टर दीपन यादव व अन्य अज्ञात पुलिस कार्मिकों के खिलाफ दी गई एक अर्जी पर उर्वशी की इन परसन बहस को सुनने के बाद दिया है, उर्वशी ने बताया कि उन्होंने अदालत से भारतीय दण्ड संहिता की धारा 166,195,196,200,211,219,500 के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया है स उर्वशी ने बताया कि लखनऊ पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा सीआरपीसी की धारा 39 का उल्लंघन करने के साक्ष्य के रूप में उन्होंने सीजेएम लखनऊ के पूर्व के 2 आदेशों,अपर पुलिस अधीक्षक अपराध लखनऊ दिनेश कुमार सिंह के पत्र और लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार के एक पत्र को अदालत के सामने पेश किया है, उर्वशी ने पुलिस वालों पर निहित स्वार्थों की बजह से कानून के खिलाफ काम करने के आरोप के साथ-साथ झूंठे साक्ष्य बनाने, झूंठी घोषणाएं करने, न्यायालय में कानून के खिलाफ लिखी गई रिपोर्ट देने और मानहानि करने के आरोप लगाए हैं, पुलिसवालों द्वारा अपराध किये जाने की बात उनकी शिकायत के तथ्यों और संलग्नकों के आधार पर स्वयं ही सामने आने की बात कहते हुए उर्वशी ने उचित अवसर पर अपने द्वारा लिखी गई प्रत्येक बात पर पर्याप्त संख्या में अन्य अभिलेखीय और मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत करने की बात भी अपनी अर्जी में कही है,उर्वशी ने बताया कि क्योंकि मामले में पुलिस के दर्जनों अधिकारी अभियुक्त हैं इसीलिये पुलिस में जाकर एफआईआर लिखाने की जगह पर उन्होंने सीधे न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराने की अर्जी दी है और न्यायालय से दोषियों को दण्डित करने की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाईं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *