मधुबन(मऊ)- केन्द्र से मोदी गरीबों के लिए दरिया दिल दिखा रहे हैं। तो वहीं राज्य से योगी गरीबों के लिए दरिया दिल दिखा रहे हैं। किन्तु धरती पर ये दरिया दिल गरीबों से कोसों दूर दिखाई दे रहा है। 2014 मे समूचे देशवासी एक जुट होकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। इस उम्मीद पर की मोदी सरकार मे अधिकारी,कर्मचारी व नेता सभी निष्पक्ष व ईमानदारी से कार्य करेंगे। मोदी सरकार ने गरीबों की गरीबी दूर करने के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाई किन्तु इन आज भी इन योजनाओं से गरीबों को दूर रखा जा रहा है। फिर लोगों ने विश्वास जताया कि भाजपा की सरकार उ०प्र०मे बना देंगें तो शायद इनकी योजनाएं हम तक पहुंच सकेंगी, और यहाँ भी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई जिस सरकार के मुखिया बनें योगी आदित्यनाथ जी। योगी जी के कुर्सी संभालते ही गरीबों के लिए आंधी जैसे कार्य शुरू हुआ। किन्तु इस आंधी को गरीबों तक पहुंचने से पहले इनके अधिकारियों व कर्मचारियों ने मानों पंचर कर दिया हो। हर गांव में आवास, शौचालय, पेंशन,राशन आदि अपात्रों को पहले दिया जा रहा है। जो उसके पात्र है इनको योजनाओं से दूर रखा जा रहा है। ऐसा ही मामला सामने आया है। विकास खण्ड दोहरिघाट अन्तर्गत गांव छपरा धुसर से जो 86वर्षीय बुजुर्ग दम्पती जंगबहादुर यादव पुत्र स्व.रघुनंदन व पत्नी खरपाती देवी अपने जिन्दगी का गुजर बसर एक झोपड़ी में करते हैं। आंधी तूफान कब इनका आशियाना उजाड़ देगा इसी डर के साये में हमेशा जीते हैं। ना तो इनके पास रहने के लिए घर, शौचालय, वृध्दा पेंशन आदि सरकार की मूल सुविधाओं से बंचित हैं।