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शहरहवा मेला में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, जयकारे से गूंज उठा धाम, लगभग पाँच लाख श्रद्धालुओं ने नवाये शीश।

ड्रमंडगंज (मीरजापुर)। स्थानीय विकास खंड हलिया के गडबडाधाम के शहरहवा मेला में उमडा भक्तों का जन सैलाब दूर दराज से आये भक्त मेला परिसर के गलियों खेतो में झुग्गी झोपड़ी लगाकर गुजारे रात। सुबह भोर दो बजे से ही माता शीतला के दर्शन पूजन में जुटकर अपनी मन्नतो के अनुसार हलुआ पुडी नारियल तथा बकरे को चढाकर मां से अपनी मुरादे की पुरी। अस्थावान भक्तों का जनसैलाब पांच किलोमीटर चतुर्दिक मेला परीध में फैला रहा। पुलिस प्रशासन की कडे इंतजाम के साथ महिलाओं तथा पुरूष भक्तों के अलग अलग कतारो में दर्शन पूजन.के लिए लंबी लाइनों में गुजरकर मां के चरणो में शीश नवाये।तथा पूरी रात्रि गुजार कर मेला क्षेत्र में जादूगर, नाट्य,मौत का कुंआ, के साथ प्रवचन तथा भगवान की कथा को सुनते रहे। कडाके की ठंड में भक्तों की भारी भीड़ से पुरा गडबडाधाम गुंजायमान रहा। दर्शनार्थी सरकारी वाहनों रोडवेज की बसों के अलाव अपने नीजी वाहनों से आकर दर्शन के लिए रात्रि में ही सेवटी नदी में स्नान करके। दर्शन पूजन में जुट गए। लालगंज तहसीलदार कर्मेन्द्र कुमार राजस्व कर्मचारियों के साथ मेले मे मौजूद रहे ।वंही हजारों गाडियों की लंबी कतारें होने के कारण सडक पर कई रोडवेज की गाडियों सहित प्राइवेट गाडियां जाम में फंस गई। पुलिस प्रशासन का जाम छुडाने में पसीने छुटा ।बताते चलें कि डिमांड के अनुसार जिले से प्रयागराज कुंभ मेला को देखते हुए आधी अधुरी ही फोर्स मिल पाई।जबकि हलिया पुलिस ने पंद्रह सब इंस्पेक्टर, छःथानाध्यक्ष,पच्चीस दीवान,पचहतर पुरुष कांस्टेबल, दस महिला कांस्टेबल,दो प्लाटून पीएसी की मांग जिले से किया था लेकिन जिसके सापेक्ष एक थानाध्यक्ष, तीन एसआई,बारह कांस्टेबल, दो महिला कांस्टेबल, दो प्लाटून पीएसी ही आज मेला क्षेत्र में देखने को मिली। जिसके कारण मेला काफी भीड होने के कारण दर्शनार्थियों को दिक्कतों का सामना करना पडा। दर्शनार्थी जाम के झाम में फंसे रहे।कम फोर्स होने के कारण जाम को छुडाने में पुलिस के पसीने छुट गए। प्रभारी निरीक्षक विश्वज्योति राय एसएसआई नरेंद्र कुमार सिंह अपने दल बल के साथ गृभगृह की कमान संभालने में ब्यस्त रहे।जबकि दर्शनार्थियों की डेढ किलोमीटर दो तरफा लंबी कतारें लगी रही। जबकि दर्शनार्थियों को पानी के लिए भटकना पडा।गंदे सेवटी नदी के जल से ही अभिषेक व स्नान करना पडा।जबकि पानी के लिए खंड विकास अधिकारी द्वारा मेले में छः टैंकर पानी के लिए लगाये थे।लेकिन मौके पर एक भी टैंकर नही दिखाई पडे।पुरी रात्रि भक्तों को केरोसिन न मिलने के कारण अंधरे में रात्रि गुजारनी पडी.जबकि जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने चार दिन पूर्व मेला क्षेत्र का भ्रमण कर मेला क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट तथा पानी की समुचित व्यवस्था कराना का संबंधित विभागों को निर्देश भी दिए थे।लेकिन लाइट व पानी के अभाव में दर्शनार्थी नदी के घाट पर कडाके की ठंड में पानी के लिए भटकते रहे।मेला परिधि में लगाये गए छः हैंडपंप उंट के मुह में जीरा सावित हुए। मेला क्षेत्र में जेबकतरो की चांदी रही।मिर्जापुर शहर से आयी मीना का मंगलसूत्र, तथा खम्हरिया निवासी अनिल कुमार का पर्स सहित पैंतालिस सौ रुपये सहित कागजात को जेबकतरों ने उडाया। मंदिर प्रबंधक प्रकाश चंद शुक्ल का कहना है कि एक दर्जन परिजनों बिछडो को मिलाया गया।दर्शन कराने के लिए दो दर्जन वालिंटियर तथा मंदिर के गर्भगृह में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है। तथा कहा कि भोर दो बजे से ही दर्शन पूजन का सिलसिला अनवरत चलता रहा जिसमें लगभग चार लाख दर्शनार्थियों ने मां के चरणों में शीश नवाया। मेल क्षेत्र में दर्शनार्थियों ने श्रृंगार के सामान, बांस के बर्तन, लकडी के सामान, नारियल चुनरी लाई, गटा, बतासा, सहित बच्चों के खिलौने खुब बिके।

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