विरेन्द्र प्रजापति
मऊ -मधुबन तहसील क्षेत्र के विभिन्न अंचलों में इन दिनों प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई वन विभाग व पुलिस की शह पर खुलेआम चल रही है। आरोप है कि फलदार वृक्षों की कटाई के लिए विभाग वगैर स्थलीय सत्यापन किए हुए धड़ल्ले से काटने के लिए परमिशन दिया जा रहा है। इससे पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न होने लगा है। वन महकमा से एक दो पेड़ों को काटने का परमिशन लेकर वन माफिया इसके आड़ में एक-एक करके कई वृक्षों को काटकर पर्यावरण संरक्षण की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है। पिछले दिनों धरमपुर कसायर (कैथवली) के बाग में काटें काटें गए फलदार वृक्ष। इसको लेकर लोगों मे जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। नगर पंचायत क्षेत्र के खीरीकोठा के पश्चिमी बाग में वन माफिया द्वारा फलदार वृक्ष को वगैर स्थलीय सत्यापन के तीन फलदार वृक्षों को काटने का खुली छूट दिया। इसके आड़ में माफिया द्वारा तीन वृक्षों के बजाय कई पेड़ों को काटकर पर्यावरण का गला घोंटड़े बुद्धजीवी वर्ग की माने तों फल देने में कामयाब वृक्षों को काटने का परमिशन नहीं दिया जाता है। फिर भी विभाग मोटी रकम लेकर वृक्षों को काटने का खुलेआम परमिशन देकर पर्यावरण संरक्षण की गला घोंट रहा है। इसकी शिकायत कुछ लोगों ने वन दारोगा राजेश्वर यादव से किया। बावजूद इसके लोगों की शिकायत को अनसुना कर दिया गया है। इस संदर्भ में वन दारोगा श्री यादव ने कहा कि मऊ डीएफओ के परमिशन के बाद फलदार वृक्षों की कटाई हो रही है। वहीं फलदार वृक्ष की हो रही कटाई के संदर्भ में परमिशन देने की बात पूछे जाने पर वह निरूत्तर हो गए। कहें कि विभाग के उच्चाधिकारी की बात है। परमिशन वहां से पेड़ काटने के लिए मिला है।