मऊ | उत्तर प्रदेश सरकार व भारत सरकार अपने मूल मुद्दे से भटक रही हैं और चुनाव करीब देख हर वर्ग को लुभावने की कोशिश कर रही हैं। इसी कोशिश में दस्तकारों जैसे लोहार, मोची, कुम्हार एवं हलवाई आदि जातियों को लुभाते हुए। इनके लिए दरिया दिल दिखाना शुरू कर दी है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों तथा पारम्परिक कारीगरों के विकास हेतु विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना संचालित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत जनपद मऊ में लोहार, मोची, कुम्हार, हलवाई एवं हस्तशिल्पियों के आजीविका के साधनों को सुदृढ़ीकरण करते हुए उनके जीवन स्तर को उन्नत किया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत पारम्परिक कारिगरों की कौशल वृद्धि हेतु प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जायेगा। प्रशिक्षण अवधि में श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर जारी अर्धकुशल श्रमिक के मजदूरी दर पर मानदेय देय होगा। सभी मानदेय शासन द्वारा उपलब्ध कराये जाने के पश्चात नियमानुसार किया जायेगा। प्रशिक्षण के पश्चात सभी प्रशिक्षार्थियों को उन्नत प्रकार के टूल किट प्रदान किये जायेगे। प्रशिक्षण हेतु आवेदक दिनांक 09 जनवरी, 2019 को सांय 05ः00 बजे तक अपना आवेदन पत्र जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र मऊ में जमा कर सकते हैं। आवेदन पत्र कार्यालय में निशुल्क परामर्श कक्ष से प्राप्त किया जा सकता है। इस संबंध मेंमोस्ट बैकवर्ड एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजू विश्वकर्मा ने बताया कि यह एक चुनावी लुभावना वोट बैंक के लिए तैयार किया गया है। हमारे बच्चें पढ़ लिखकर बेरोजगार, नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं।उनके नौकरी के लिए कोई नहीं बात कर रहा। वहीं गौतम प्रजापति निवासी कल्यानपुर घोसी ने बताया कि हमारे पुरखा-पुरनिया इसी काम को करते-करते परलोक तक चलें गये किन्तु उनके पार्थिव शरीर पर शुध्द कफन तक नसीब नहीं हुआ। यह सरकार रोजगार के बजाय बेरोजगार बनाना चाहती हैं। जो मानदेय देने की बात कह रहे हैं वो कभी-कदार जिसकी कोई गारंटी नहीं है। इनकी मानसिकता देखिये कि निशुल्क फार्म भरने के लिए सिर्फ चार दिन का समय वहीं अन्य नौकरियों के लिए जिसमें शुल्क के नाम पर मोटी रकम लिया जाता है। उसके लिए महिनों दिन का समय होता है। चार दिन में अधिकारी इतना दौड़ा देगें कि इतने में समय खत्म फार्मेलिटी पूरी और सरकारी कागजों में ये सभी जातियां रोजगार युक्त हो जायेगी।