डीएम को ज्ञापन देने के बाद भी झोलाछापों पर कार्यवाही शून्य
कहोबा चौराहा,गोण्डा। विभागीय रहमदिली या खाऊ-कमाऊ नीति के चलते जनपद के कस्बों समेत ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध पैथालोजी सहित झोलाछापों की भरमार होने के बावजूद झोलाछापों द्वारा खुलेआम अपने क्लीनिक में एलोपैथिक दवाईयों का स्टाक रखकर मनमानी तरीके से मरीजों का उपचार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। विकास खण्ड इटियाथोक अंतर्गत 27 नं. पुलिया पर अनिल मौर्या सहित अन्य झोलाछाप द्वारा अवैध मेडिकल स्टोर संचालित कर बच्चे से बूढ़े का ईलाज किया जा रहा है और उसके पीछे नहर के बगल स्थित एक भारी भरकम संचालित हो रहे टीन शेड के अवैध अस्पताल में झोलाछाप द्वारा फालिस का उपचार कर मरीजों के जिंदगियों से खिलवाड़ किया जा रहा है। इटियाथोक अंतर्गत 27 नं. पुलिया पर स्थित एक झोलाछाप ने यहां तक कह दिया कि चिकित्साधीक्षक डा0 शैलेन्द्र सिंह हमें अच्छी तरह से जानते है एक सप्ताह पहले यहीं पर मिले भी थे चूंकि उसी क्षण दूरभाष द्वारा जानकारी लेने पर चिकित्साधीक्षक श्री सिंह ने कहा कि हम किसी झोलाछाप को नही जानते। यदि झोलाछाप के बातों पर गौर किया जाय तो कहीं न कहीं विभागीय मिलीभगत व सांठ-गांठ का कयास लगाया जा सकता है कि यदि विभागीय मिलीभगत न होती तो झोलाछाप भयमुक्त अंदाज में मेल मिलाप की बात नही करता। इस संबंध में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन द्वारा जनहित में जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही को ज्ञापन दिए जाने के बाद भी कार्यवाही न होने से बहुत सी शंकाएं जन्म ले रही हैं।