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मृत मवेशियों के कंकाल ने खोल दी आश्रय केंद्र की ब्यवस्था की पोल।

सुरेश कुमार तिवारी
कहोबा चौराहा गोंडा। ग्राम पंचायत रुद्रगढ़ में स्थित प्रदेश की प्रथम मॉडल गौ आश्रय केंद्र निर्माण से ही अनियामिमित्ता को ले कर सुर्ख़ियों में रहा है, यहां से मृत मवेशियों के कंकाल भारी संख्या में वाहनों पर लाद कर ले जाते समय स्थानीय लोगो के द्वारा संचालन ब्यवस्था पर सवाल भी खड़े किये किन्तु ब्यवस्था में बदलाव की आस पूरी होती दिखाई नही दे रही है। विगत दिनों मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने इस आश्रय केंद्र का निरीक्षण किया था, यहां पर उन्हें सभी ब्यवस्थाएं दुरुस्त मिली थीं जिस पर उन्होंने सचिव की पीठ थपथपाई थी, किन्तु आश्रय केंद्र की ताजा तस्वीर जो सामने आई है वो सीडीओ के निरीक्षण और केंद्र की ब्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही है। शुक्रवार को सुबह वाहन पर लाद कर मवेशियों के कंकाल ले जाने की सूचना पर कुछ ग्रामीणों ने पूछताछ की तो वाहन पर बैठे एक व्यक्ति द्वारा बताया गया की कंकाल आश्रय केंद्र से खण्ड विकास अधिकारी के कहने पर उठाया गया है, फ़िलहाल तो मवेशियों के कंकाल ने यह तो अस्पष्ट कर दिया है की आश्रय केंद्र में मवेशियों की मौत बड़ी तादात में हुयी है जिसका आंकड़ा सरकारी रजिस्टरों में हमेशा छुपाया ही गया है दूसरी बात ये की मृत मवेशियों के शवों का निस्तारण करने की क्या ब्यवस्था है। कंकाल तो यही बता रहे की मृत मवेशियों का शव खुले में फेंक दिया जाता है जिसे हिंसक पशु पक्षी खा लेते है अवशेष क्षेत्र में भीषण दुर्गन्ध की वजह बन जाती है उसके बाद का ये कंकाल है जिन्हें वाहनों पर लाद कर ले जाया जा रहा था।

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