सुरेश कुमार तिवारी
कहोबा चौराहा गोंडा। साहित्यिक संस्था “बज़्मे शामे गजल” का वार्षिक नातिया तरही मुशायरा डॉ हबीबुल्लाह की शिफा क्लीनिक पर आयोजित हुआ। अध्यक्षता उस्ताद शायर रहबर ताबानी दरियाबादी ने की और वरिष्ठ शायर तारिक अंसारी सआदत गंजवी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर उर्दू टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आदिल मंसूरी व अखिल भा.उर्दू शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष रईस सिद्दीकी शामिल हुए। हाफिज हिसामुद्दीन की तिलावत से प्रारंभ हुआ संरक्षक अब्दुल गफ्फार ठेकेदार वह संस्था अध्यक्ष हाजी शब्बीर शबनम ने स्वागत वक्तव्य दिया। महामंत्री मुजीब सिद्दीकी ने नातिया शायरी पर व्याख्यान दिया। याकूब सिद्दीकी ‘अज्म’ ने संचालन किया। शायरों ने मिसरा तरह “हश्र तक होता रहेगा तज़किरा सरकार का” पर रहमते आलम हजरत मोहम्मद साहब स. की शान में नात पेश की। अदील मंसूरी बाराबंकवि ने कहा- रौशनाई हों समन्दर पेड़ हों सारे कलम, लिख न पायेगा कोई भी मर्तबा सरकार का। चेयरमैन प्रतिनिधि शमीम अख्तर अच्छन के शेर ने महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन को बतलाओ जो हैं बेटी की शादी पर मलूल, बेटियों से ही चला है सिलसिला सरकार का। ‘फौक’ बहराइची ने महामारी के संदर्भ में कहा- रोकिये मत, करने दीजे इस वबा के दौर में,खुद दवा बन जायेगा ये तज़किरा सरकार का। अवध राज वर्मा ‘करुण’ ने यकीन के साथ कहा- लग गई उस पार कश्ती उसकी यारों बिलयकीं, जिस ने तूफाँ में सहारा ले लिया सरकार का। युवा शायर जियारत फैजाबादी ने पैगाम की बात कही- गामज़न हक पर रहो, इंसानियत को दो फरोग सारे आलम को यही पैगाम था सरकार का। साथ ही रहबर ताबानी,तारिक अंसारी,मुश्ताक बज्मी,शब्बीर शबनम,मुजीब सिद्दीकी,नजमी कमाल खाँ,रईस सिद्दीकी,अनीश खान,मौलाना उवैस कादरी ताज मु.कुर्बान,नियाज कमर,कौसर सलमानी,कासिम गोंडवी,इमान ईमान गोंडवी,शब्बीर शाद,अजय श्रीवास्तव अंजुम वारसी मुबीन मंसूरी,डॉ असलम अल्ताफ राईनी, सकील सिद्दीकी,अहमद रजा,अफसर गोंडवी,सलीम बेदिक,राजू दुर्रानी अली बाराबंकवी ने कलाम पेश किये कार्यक्रम में हाजी जहीर,कयूम सिद्दीकी,हाजी रमजान राईनी,वसीम अहमद साबिर सभासद,तौकीर राजू,आजम खान,कलीम, खुर्शीद आलम,खालिक अंसारी उबैद हबीब,कमालुलबका, रियाज सहर,सोनू कुमार,इरफान,अवैस राईनी आदि मौजूद रहे। डॉ. हबीबुल्लाह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।