Home > पूर्वी उ०प्र० > गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान बनीं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान बनीं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

रिपोर्टर संदीप


बलरामपुर । प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। महिलाओं को जहां गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक खाद्य पदार्थ खरीदने में सहूलियत हो रही है, वहीं योजना से जुड़कर महिलाएं आर्थिक रूप से खुद मजबूत महसूस कर रही हैं। वर्तमान में इस योजना से 27 हजार 936 महिलाओं के खाते में पैसा भेजा जा चुका है।
श्रीदत्तगंज ब्लाक के श्रीदत्तगंज गांव में रहने वाली 28 वर्षीय सरिता पहली बार मां बनीं है। उनके पति दिनेश कुमार मिश्र प्राइवेट नौकरी करते हैं। सरिता ने बताया कि आशा शीला देवी की मदद से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत मिले 5 हजार रुपए उनके बेहतर खानपान के लिए बहुत काम आए जिससे उनका बच्चा भी स्वस्थ्य व तंदरूस्त पैदा हुआ और उन्हे भी सही मात्रा में खान पान रहने से खून की कमी का शिकार नहीं होना पड़ा। इसी गांव की 23 वर्षीय रोशनजहां ने बताया कि एक गरीब के लिए गर्भावस्था के दौरान 5 हजार रुपए की मदद बहुत बड़ी बात है। राजकुमारी ने बताया कि पति इरशाद अहमद मजदूर हैं और उनके लिए इतनी रकम जुटाने में कई महीने लग जाते। श्रीदत्तगंज की रहने वाली 30 वर्षीय निधि ने बताया कि सरकार की इस पहल का उन्हे लाभ मिला है। योजना में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता। सभी को उनके खाते में 5 हजार रूपये किश्तों में भेजे जाते है जिससे गर्भवती व धात्री महिलाएं खुद अपने पौष्टिक खाने का ख्याल रख सकतीं हैं। दोनों लाभार्थियों ने बताया कि आशा नीता देवी ने उन्हें इस योजना जानकारी दी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह ने शनिवार को बताया कि यह योजना 1 जनवरी 2017 को शुरू हुई। वर्तमान में 27 हजार ,936 लाभार्थी महिलाओं को 10 करोड़ 88 लाख रूपये सीधे सरकार द्वारा लाभार्थी के खाते में भेजे जा चुके हैं। उन्होने अपील की है कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ लेने के लिए आशा व एएनएम से संपर्क कर अपना फॉर्म जमा करा दें। योजना के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए नगरीय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में फ्लैक्स, बैनर तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में होर्डिंग के माध्यम से आम जनमानस तक योजना की विस्तृत जानकारी पहुॅचायी जा रही है।
-क्या है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्त्रम प्रबन्धक शिवेन्द्रमणि त्रिपाठी के अनुसार यह योजना पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के लिए है। यह योजना गर्भवती महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए बनाई गयी है। इसके तहत पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में एक हजार रूपए दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर (गर्भावस्था के छह माह बाद) दूसरी किश्त के रूप में दो हजार रूपए और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किश्त के रूप में दो हजार रूपए सीधे गर्भवती महिला के खाते में दिए जाते हैं।
पुनीत त्रिपाठी एडीपीसी ने बताया इस योजना का लाभ पात्र लोगों को मिल सके, इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गयी है। इसके लिए किसी भी महिला का गरीबी रेखा से नीचे होना या उनका प्रसव सरकारी संस्थान में ही होना जरूरी नहीं है। बस वह किसी सरकारी नौकरी में कार्यरत न हो और उनके पास आधार कार्ड और बैंक में खाता होना चाहिए, जो आधार कार्ड से लिंक हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *