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राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर संगोष्ठी आयोजित

डेंगू की रोकथाम संभव है : आओ हाथ मिलाएं’ थीम के साथ मना दिवस
उन्नाव। राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर सोमवार को जिला मलेरिया कार्यालय में जिला मलेरिया अधिकारी रमेश यादव की अध्यक्षता में संगोष्ठी आयोजित की गयी। इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस साल इस दिवस की थीम रखी गई है – डेंगू की रोकथाम संभव है : आओ हाथ मिलाएं।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि हम सभी का यह प्रयास रहना चाहिए कि समुदाय को डेंगू के लक्षणों, बचाव और इलाज के बारे में जागरूक करें ताकि समय से मरीज का इलाज संभव हो सके।
संगोष्ठी में कार्यालय के वरिष्ठ प्रयोगशाला प्राविधिक निशांत अवस्थी,प्रयोगशाला प्राविधिक आलोक कुमार,मलेरिया/फ़ाइलेरिया निरीक्षक विकास वर्मा, ऋषभ श्रीवास्तव,विशाल चौधरी एवं अन्य समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया – वार्ड नं 11 आकरमपुर के शेखपुर शांति नगर क्षेत्र में साफ सफाई एवं एंटीवायरल कार्यवाही की गई। इसका निरीक्षण सफाई निरीक्षक रश्मि पुष्कर द्वारा किया गया।
राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सत्यप्रकाश ने बताया- तापमान, वर्षा और इस प्रकार की जलवायु परिस्थितियों के कारण संचारी रोगों में वृद्धि की संभावना होती है। यह परिस्थितियाँ मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल होती हैं, जिसके कारण डेंगू, चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में हमारा यह प्रयास होता है कि हम संचरण तंत्र को तोड़ें। यह सभी के सहयोग से ही संभव हो सकता है।
डेंगू एक संक्रामक बीमारी है जो कि डेंगू वायरस के 4 प्रकारों में से किसी एक प्रकार के डेंगू वायरस से होता है। तब उस मरीज को उस प्रकार के डेंगू वायरस से लम्बे समय के लिए प्रतिरोधक क्षमता मिल जाती है किन्तु अन्य तीन प्रकार के डेंगू वायरस से डेंगू बुखार दोबारा हो सकता है। दूसरी बार होने वाला डेंगू बुखार काफी गंभीर हो सकता है जिसे डेंगू हीमरेजिक बुखार कहते हैं।
डेंगू बुखार संक्रमित मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है। यदि किसी व्यक्ति को डेंगू का बुखार है और उस व्यक्ति को यह मच्छर काटता है तो उस मच्छर में डेंगू वायरस युक्त खून चला जाता है। जब यह संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है तो डेंगू वायरस उस स्वस्थ व्यक्ति में चला जाता है।
डेंगू में तेज बुखार के साथ सिर, पीठ और जोड़ों में दर्द होता है। आँखें लाल हो जाती हैं। हथेली और पैर लाल होने लगते हैं। गंभीर स्थिति में नाक और मसूड़ों से खून भी आने लगता है।
राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. विवेक गुप्ता ने बताया – डेंगू का मच्छर साफ ठहरे पानी में पनपता है। जैसे कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों व पशुओं के पीने के पानी के बर्तन,फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन टायर, डिस्पोजेबल बर्तन, गिलास आदि। इसलिए इन जगहों पर पानी नियमित रूप से बदलते रहें। यदि पानी इकट्ठा है तो वहाँ पर जला हुया मोबिल ऑयल या मिट्टी का तेल डाल दें। पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों को ढक कर रखें, प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सूखा करके ही उपयोग में लाएं। डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है। पूरी बांह के कपड़े पहने। मच्छररोधी क्रीम लगाएं क्वायल या रेपलेंट का उपयोग करें, घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली का प्रयोग करें।
डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार आने पर स्वयं सेकोई इलाज न करें। प्रशिक्षित चिकित्सक से ही इलाज कराएं। बुखार आने पर पास के स्वास्थ्य केंद्र जाएं। स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच एवं इलाज निःशुल्क है। डेंगू के लिए एलाइजा जांच की जाती है।

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