उन्नाव। जिले में 18 से 44 वर्ष तथा 45 साल से अधिक आयु के लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है | टीका सभी को बिना किसी झिझक के लगवाना चाहिए | किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें | कोरोना का टीका पूरी तरह सुरक्षित है | कोरोना का टीका सिर्फ़ कुछ विशेष परिस्थितियों में नहीं लगवाना है जैसे कि तेज बुखार होने की स्थिति में , गर्भावस्था के समय | गंभीर रोगों के मरीजों जैसे कैंसर, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप के लिए टीका पूरी तरह सुरक्षित है , बशर्ते वह अपने चिकित्सक की सलाह पर ही उपयुक्त समय पर लगवाएं | यह आवश्यक है कि टीका लगवाते समय डायबिटीज व् उच्च रक्तचाप नियंत्रण में हो | यह कहना है जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं जिला क्षय रोग अधिकारी डा. नरेन्द्र सिंह का |
डा. नरेन्द्र सिंह का कहना है कि कोरोना कमजोर इम्युनिटी वालों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है | क्षय (टीबी) रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कम होती है | इसलिए उन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है | ऐसे में क्षय रोगियों को बिना किसी डर के अपना कोविड का टीकाकरण जरूर कराना चाहिये | वर्तमान में जिले में 3789 एक्टिव क्षय रोगी हैं |
टीबी और कोरोना के लक्षण और फैलने का तरीका समान है | ऐसे में कोरोना काल में टीबी रोगियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है | क्षय रोग (टीबी) एक संक्रामक बीमारी है और यह हवा के माध्यम से फैलती है | टीबी ग्रसित के बोलने, छींकने और खांसने से निकलने वाली बूंदों से यह फैलती है | वर्तमान में कोरोना का संक्रमण भी फैला हुआ है | अगर फेफड़ों के टीबी से ग्रसित मरीज को कोविड हो जाता है तो यह उसके लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि कोविड सीधे फेफड़ों पर हमला करता है | टीबी के साथ कोरोना होने पर स्थिति गंभीर बन सकती है | इसलिए क्षय रोगियों को कोरोना का टीकाकरण जरूर कराना चाहिए |
डा. नरेन्द्र सिंह के अनुसार- जिले में अभी तक करीब 2.68 लाख लोगों का टीकाकरण हुआ है | कुल 2,32,892 लोगों ने पहली डोज और 35, 136 लोगों ने दूसरी डोज लगवाई है |